scriptफूलपुर लोकसभा उपचुनाव से पहले बीएसपी ने यहाँ बीजेपी को बुरी तरह हराया, बीजेपी पहुंची चौथे नंबर पर | BSP won the byelection of Phulpur District Panchayat member | Patrika News
प्रयागराज

फूलपुर लोकसभा उपचुनाव से पहले बीएसपी ने यहाँ बीजेपी को बुरी तरह हराया, बीजेपी पहुंची चौथे नंबर पर

 
फूलपुर उपचुनाव से पहले बीजेपी के लिए माना जा रहा बुरा संकेत
 

प्रयागराजFeb 25, 2018 / 09:14 am

अभिषेक श्रीवास्तव

district panchayat member bye-election

जिला पंचायत सदस्य उपचुनाव

इलाहाबाद. फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के ठीक पहले बसपा ने फूलपुर जिला पंचायत सदस्य के उपचुनाव में बीजेपी को बुरी तरह हराया। इस उपचुनाव में बीेजेपी चैथे नंबर पर रही। बसपा ने अपने निकट प्रतिद्वंदी सपा को 676 वोटों से हराया। इसमें सबसे करारा झटका बीजेपी को लगा है। इस उपचुनाव में मिली हार को 11 मार्च को होने वाले फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए बुरा संकेत माना जा रहा है।

फूलपुर ब्लाॅक के वार्ड नंबर एक में जिला पंचायत सदस्य के लिए गुरूवार को उपचुनाव हुआ था। चुनाव में कुल 13566 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। जिसमें 255 वोट अवैध घोषित किए गए थे। शनिवार को ब्लाॅक मुख्यालय में 10 चक्र में मतगणना 10 टेबलों पर प्रारंभ हुई। बसपा समर्थित प्रत्याशी शाहिद अख्तर खां पहले ही चक्र से बढ़त बनाए रखा।

उन्होंने अपने निकट प्रतिद्वंदी सपा समर्थित प्रत्याशी गजानन यादव को 676 वोटों से हरा कर शानदार जीत दर्ज की। जिला पंचायत सदस्य के उपचुनाव में बसपा समर्थित प्रत्याशी शाहिद अख्तर को कुल 4097 वोट मिले। वहीं सपा समर्थित प्रत्याशी गजानन यादव को 3421 वोट, तीसरे नंबर पर जगत नारायण को 2411 वोट मिले। इस उपचुनाव में बीजेपी मंडल पदाधिकारी कृपा शंकर पटेल बीजेपी समर्थित प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे।

कृपाशंकर 1952 वोट के साथ चैथे नंबर पर रहे। वहीं प्रगतिशील मानव समाज पार्टी समर्थित प्रत्याशी प्रकाश बिंद को कुल 1424 वोट मिले। इस उपचुनाव में बसपा की जीत के साथ ही बसपा समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। बसपा समर्थकों ने शाहिद को फूल मालाओं से लाद दिया और कंधे पर बैठा कर बधाई देते हुए जमकर नारेबाजी की।

फूलपुर लोकसभा उपचुनाव से पहले झटका

11 मार्च को फूलपुर लोकसभा का उपचुनाव होना है। लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी और सपा की टक्कर मानी जा रही है। फूलपुर सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है। यहीं वजह है कि चुनाव प्रचार में बड़े-बड़े दिग्गज नेता कूद पड़े हैं। ऐसे में जिला पंचायत सदस्य के उपचुनाव में बीजेपी की हार कई मायने में आने वाले बुरे परिणाम का संकेत कहा जा सकता है।

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