विशेष अदालत के जज डॉ बालमुकुंद ने कहा कि इस आपराधिक मुकदमे को वापस लिए जाने से न्याय का उद्देश्य पूर्ण नहीं होगा। आरोपी घटना में उल्लेखित धारा 307 आईपीसी में उम्र कैद तक की सजा दिए जाने का प्रावधान है। वही दलित उत्पीड़न एक्ट की धारा 3 में 6 माह से 5 वर्ष तक के दंड का प्रावधान है। इसलिए इस मुकदमे को वापस लिए जाने की सरकार की अर्जी निरस्त किए जाने योग्य है। राज्य सरकार की ओर से पेश अर्जी में कहा गया था कि आरोपित अभ्यस्त अपराधी नहीं है ।बल्कि प्रतिष्ठित राजनीतिक सामाजिक व्यक्ति है ,जिनकी सेवा सहयोग की आवश्यकता राज्य और समाज दोनों को है ।इस मुकदमे के चलने से पक्षकारों के मध्य करता होगी इसलिए इस मुकदमे में को जनहित के लिए वापस लिया जाए।
यह है मामला
मुट्ठीगंज थाने में इलाहाबाद के करछना डीहा के रहने वाले वेंकटरमन शुक्ला ने एक मुकदमा पंजीकृत कराया था कि 3 मई 2014 की शाम 6 बजे जब सपा उम्मीदवार रेवती रमण सिंह की मुट्ठीगंज में सभा में शामिल होने जा रहे थे तो रास्ते में आरोपित खड़े थे डंडों से मारना पीटना शुरू कर दिया। सपा के अनुसूचित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया तथा फायर कर हत्या करने की कोशिश की पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया विवेचना कर आरोप पत्र प्रस्तुत किया तत्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने 26 अगस्त 2015 को आरोपपत्र पर संज्ञान लेकर मुकदमे की कार्यवाही प्रारंभ की विशेष अदालत का गठन होने पर मुकदमा इस न्यायालय को अंतरित किया गया राज्य सरकार द्वारा कुछ माह पूर्व इस मुकदमे को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य सरकार के निर्णय की प्रति वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी राधा कृष्ण मिश्र ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर मुकदमे को वापस लिए जाने की अनुमति मांगी थी। जो खारिज हुआ है ।इस मामले में नंद गोपाल गुप्ता नंदी कमल कुमार गुप्ता उर्फ़ लाला नीरज गुप्ता पार्षद तथा निजामुद्दीन पार्षद आरोपी है।