सीएम योगी के इसी बयान के बाद प्रशासन ने उमेश पाल हत्याकांड के मामले में अतीक अहमद के ऊपर शिकंजा कसना शुरू किया। जबसे योगी का यह बयान आया था उसके मात्र 32 दिनों बाद 28 मार्च को कुख्यात माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुना दी गई। 17 साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाते ही योगी का कही हुई बात सच साबित हुई।
यह पहली बार है जब 43 साल में जो नहीं हो पाया, वह योगी के राज में हुआ है। योगी के राज में अतीक को पहली बार उसे किसी मामले सजा हुई। मुकदमों का शतक लगा चुके माफिया अतीक अहमद की जिंदगी अब सलाखों के पीछे कटेगी।
ADG अभियोजन आशुतोष पांडेय के मुताबिक माफिया अतीक अहमद पर 1996 से अब तक दर्ज मुकदमों में से 50 मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन हैं। आज (मंगलवार) उसके और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज थाना में दर्ज उमेश अपहरण कांड में फैसला आया है। वहीं, उससे जुड़े 3 मुकदमों में अभियोजन की पैरवी के चलते जल्द फैसला आने की उम्मीद है। इनका ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर तीन, बेटे अली पर चार और उमर पर एक केस दर्ज है। शाइस्ता पर दर्ज तीनों केस का ट्रायल स्पेशल सीजेएम कोर्ट में चल रहा है। वहीं अली अहमद के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने, धार्मिक भावनाओं से छेड़छाड़ में दर्ज केस की विवेचना की जा रही है।