हंडिया की राजकुमारी देवी के याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार सुनवाई कर रहे है। याची के का कहना था कि याची ने केवला देवी से जमीन का बैनामा कराया था तथा इसके नामांतरण के लिए तहसीलदार हंडिया को दरखास्त दी थी। इस बीच फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर महेश सिंह ने भी नामांतरण के लिए अर्ज़ी दाखिल की। केवला देवी को इसकी जानकारी होने पर उसने महेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। तहसीदार हंडिया ने याची और महेश सिंह के नामांतरण अर्ज़ियो को एक साथ सुनवाई के लिए सम्बद्ध कर दिया। इसके बाद से मामले में लगातार तारीख लग रही है। जबकि नामांतरण अर्ज़ी 35 दिन मे निस्तारित कर देने का नियम है। याची ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्दी सुनवाई की माग की थी।
हाइकोर्ट ने 5 फरवरी 2018 को तहसीलदार को 6 माह में मामले का निस्तारण करने का आदेश दिया। इसके बावजूद तहसीलदार सिर्फ तारिख लगा रहे है।इससे पूर्व दाखिल अवमानना याचिका पर भी कोर्ट ने तहसीलदार को आदेश के पालन का मौका दिया था।मगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो दुबारा अवमानना याचिका दाखिल की गई है।