कुलपति के साथ एक महिला की चैट का दावा करते हुए पूर्व छात्र नेता ने सोशल मीडिया पर चैट वायरल किया था।जिसको कुलपति समेत विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक सिरे से खारिज कर दिया । और छात्र नेता के खिलाफ आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया।यह मामला शांत भी नहीं हुआ कि महिला के ऑडियो के बाद ऋचा सिंह ने 13 मई 2016 का एक पत्र जारी किया है।जिसमें कल्याणी विश्वविद्यालय की एक महिला ने कुलपति पर गंभीर आरोप लगाया गया है। बता दें कुलपति हांग्लू इविवि से पहले कल्याणी विवि में कुलपति थे।
ऋचा सिंह ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस महिलाओं के लिए असुरक्षित है। वही ऋचा सिंह के पत्र मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी नाराजगी जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ चितरंजन सिंह ने कहा कि ऋचा सिंह ने विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाया है। विश्वविद्यालय को लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यालय को अनर्गल आरोपों के साथ पत्र लिखा है। इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन सपा प्रदेश प्रवक्ता ऋचा सिंह पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी में है।
ऋचा पर इविवि पीआरवो ने आरोप लगाया है की उन्होंने अपने कार्यकाल में छात्र संघ के बजट का गबन किया है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन के बयान पर ऋचा सिंह ने बड़ा पटलवार किया है। ऋचा का कहना है कि मैंने अपने कार्यकाल में बजट का एक भी रुपया नहीं लिया।जब मैंने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा कि छात्र संघ के बजट का पैसा किस मद में खर्च हुआ ।इसका जबाब नहीं दिया गया, उन्होंने दावा किया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन मेरे ऊपर गबन का आरोप सिद्ध नहीं करता है। तो वह विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगी