राष्ट्र रक्षक समूह ने कहा कि गरीब लोग छोटी पूंजी लगाकर सड़क के किनारे अपनी कमाई के लिए छोटा-मोटा काम करते हैं।हर समय पुलिस प्रशासन नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा शोषित किए जाते हैं । समूह के मुताबिक़ कुछ दिन पूर्व जिस प्रकार से छोटे व्यवसायियों को पकड़कर थाने में ले जाया गया । उन्हें धमकी दी गई कि वह दोबारा सड़क के किनारे दुकान लगाते हुए ना दिखाई दे। समूह के सदस्यों ने इसे अत्यंत निंदनीय है साथ ही कहा गया की सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन है। जिस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि राज्य को सड़क के किनारे लग रही दुकानों से कोई आपत्ति है तो उन सड़क दुकानदारों को समुचित व्यवस्था करके उन्हें वहां स्थानांतरित करें।
जबरन उन्हें वहां से हटाया न जाए क्योंकि व्यवसाय संवैधानिक मूल अधिकारों से संबंधित है। राज्य कल्याणकारी राज्य है इस नाते से राज्य के नागरिकों को समुचित व्यवस्थापन उनकी जिम्मेदारी है। यदि छोटे व्यापारी दुकानदार सड़कों के किनारे छोटी दुकानें नहीं लगाएंगे तो स्वयं से कम आय वर्ग के लोग सिविल लाइंस में आना छोड़ देंगे शायद ऐसी ही योजना है ।समूह के सदस्य दिवांशु मेहता ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि आज की स्थिति प्रशासन ने ऐसी बना रखी है। जैसे लुटेरे ब्रिटिशर्स और मुगलों के समय में हुआ करती थी। प्रशासन बेलगाम हो गया है, यही स्थिति कभी ब्रिटिशर्स के समय सिविल लाइन्स में हुआ करती थी।