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प्रयागराज

गंगा किनारे खत्म होगी शव दफनाने की परंपरा, श्रृंगवेरपुर घाट पर विद्युत शवदाह गृह, अन्य प्रमुख गंगा घाटों के लिए प्रोजेक्ट जल्द

यूपी में गंगा किनारे शवसों को दफनाने की परंपरा को खत्म करने के लिये गंगा घाटों पर विद्युत शवदाह गृह बनाया जाएगा। प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर घाट पर विद्युत शवदाह गृह बनाने के लिये प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अन्य प्रमुख गंगा घाटों के लिये भी जल्द ही प्रोजेक्ट लाया जाएगा।

प्रयागराजMay 27, 2021 / 08:05 pm

रफतउद्दीन फरीद

grave at ganga ghat prayagraj

श्रृंगवेरपुर गंगा घाट

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

प्रयागराज. कोरोना काल में प्रयागराज, बलिया, गाजीपुर सहित अन्य शहरो में गंगा किनारे बड़ी संख्या में दफनाए गए शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद खूब हो हल्ला मचा। इसके बाद अब सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर सहित यूपी में गंगा के प्रमुख घाटों के पास विद्युत शवदाह गृह बनाया जाएगा। इससे जहां श्रृंगवेरपुर सहित अन्य स्थानों में शवों को दफनाने की परंपरा खत्म होगी गंगा घाट पर होने वाले दाह संस्कार से होने वाली गंदगी भी रुकेगी। इससे गंगा की पवित्रता बनी रहेगी।

 

श्रृंगवेरपुर घाट पर विद्युत शवदाह बनाने के लिए प्रशासन की ओर से चार बिस्वा जमीन चिन्हित की गई है। स्थानीय लेखपाल की ओर से प्रशासन को शवदाह गृह बनाने के लिये एसडीएम को प्रस्ताव भी सौंप दिया है। जल्द ही यह प्रस्ताव प्रयागराज के जिलाधिकारी के जरिये शासन को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलते ही शवदाह गृह निर्माण शुरू हो जाएगा।

 

पहले से रही है शव दफनाने की परंपरा

दरअसल, गंगा किनारे शवों को दफनाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। इसके चलते रेत के नीचे लोग बड़ी तादाद में शवों को दफनाते रहे हैं। कोरोना काल में अप्रेल और मई महीने में श्रृंगवेरपुर घाट और अन्य जगहों पर गंगा नदी के किनारे रेत में बड़ी संख्या में शवों को दफनाया गया। इसकी तस्वीरें सामने आने के बाद इसे लेकर खूब हो हला मचा। बाद में प्रशासन ने शवों को दफनाए जाने पर पाबंदी लगा दी।

 

रामनामी चादर हटाने पर विवाद

कब्रों से रामनामी चादर हटाने के मामले ने भी तूल पकड़ा। दफनाए गए शवों की कब्रों से चुनरी, रामनामी दुपट्टे और लकडिय़ों के हटाए जाने के मामले को प्रशासन ने बेहद संवेदनशीलल बताते हुए इसकी जांच के लिये दो सदस्यीय जांच कमेटी को जिम्मा सौंप दिया है। इस बात की जांच की जाएगी कि कब्रों से रामनामी आदि हटाने और इसका वीडियो बनाकर वायरल करने के पीछे क्या मंशा थी।

 

सड़क मार्ग से लोहे प्लेटें हटाने पर विवाद

श्रृंगवेरपुर घाट पर शवों के दफनाए जाने के मामले को लेकर अभी हो हल्ला खत्म भी नहीं हुआ कि एक और विवाद ने जन्म ले लिया है। श्रृंग्वेरपुर घाट पर पक्की सड़क से गंगा किनारे जाने के लिये बिछी लोहे की चकर्ड प्लेटें हटायी जा रही हैं। इन प्लेटों के बिछे रहने से लोगों के लिये 700 से 800 मीटर का सफर आसानी से तय हो जाता था। इन प्लेटों के हटाए जाने के पीछे प्रशासन की ओर से दलील दी जा रही है कि मॉनसून आने पर गंगा का जल बढऩे पर पक्के घाट तक पानी आ जाता है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि जुलाई के दूसरे सप्ताह के पहले पानी वहां नहीं आता। चकर्ड प्लेटों को अभी हटाने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना होगा।

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