बीते कुछ माह में बढ़ी घटनाएं
दरअसल बीते कुछ माह में आधा दर्जन से ज्यादा वारदातें देसी बम के फटने, बम बनाने की सामग्री या जिंदा बम बरामद होने की हुई है। ऐसे में बड़ा सवाल है क्या प्रयागराज बारूद के ढेर पर है। अगर ऐसा है तो सवाल है की पुलिस क्या कर रही है। बता दें कि कुछ दिनों पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास में बड़ी मात्रा में बम बनाने की सामग्री और बारूद बरामद हुआ था।छात्रावास में छापेमारी की कार्यवाही के दौरान चार किलो बारूद, पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद हुआ था। इसके तेलियरगंज स्थित टीवी कॉलोनी में चार जिंदा बम बरामद हुए थे जिसमें ब्लास्ट होने के बाद एक व्यक्ति का हाथ फट गया था। उसी के दूसरे दिन वहीं नवनिर्मित मंदिर में जिंदा बम के धमाके से वहां खेल रहा एक बच्चा बुरी तरह से घायल हो गया था।
कल ही हुई दो बच्चो की मौत
अभी चार दिन पहले धूमनगंज थाना अंतर्गत छोटेलाल हेला इंटरमीडिएट कॉलेज में बम बनाते समय एक युवक का हाथ उड़ गया। जिसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।कल ही सराय इनायत थाना अंतर्गत दुबावल गांव में शौचालय में रखे बारूद के ब्लास्ट से दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। जिसके बाद प्रशासन की नींद टूटी है। प्रशासन पटाखे बनाने वाले से लेकर इस तरह के अवैध कामों में लिप्त लोगों के घेरे बन्दी की तैयारी में जुट गई है।
पुलिस ने शुरू की घेरा बंदी
एसपी गंगा पार नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस तरह की वारदातों पर नजर रखी जा रही है। जो भी इस तरह के लोग संलिप्त है उन पर कार्यवाही होगी। बिना लाइसेंस के किसी को पटाखे या इस तरह के कारोबार की कोई अनुमति नहीं होगी। बिना लाइसेंस के कोई भी मिलता है तो कार्यवाही की जाएगी। साथ ही तय मानक के हिसाब से ही उन्हें बारूद और अन्य सामग्री रखी रखने की अनुमति दी जाएगी। सभी थानों से इस पर रिपोर्ट मांगी जा रही है । आपराधिक प्रवृति के लोगों पर कार्यवाही करने और इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले लोगों पर जल्द ही पुलिस कार्यवाही करेगी। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसी घटनाओं में पाया जाता है कि दुसरे स्थान से लाकर अपराधी इसे छिपा कर रखते हैं और दुर्घटनाएं हो रही है उन्होंने कहा की पुलिस जल्द ही इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने में कामयाबी हासिल करेगी।