scriptमेरे राम के लिए भी तारीख पर तारीख, किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से विशेष बातचीत | exclusive interview with transgender Chief Laxmi Narayan Tripathi | Patrika News
प्रयागराज

मेरे राम के लिए भी तारीख पर तारीख, किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से विशेष बातचीत

राम मंदिर मुद्दे पर किन्नर आखाड़ा देशभर के साधु-संतों के साथ हैं, लेकिन किसी प्रकार की राजनीति होगी, तो किन्नर अखाड़ा किसी के साथ नहीं होगा। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से पत्रिका की खास बातचीत।

प्रयागराजJan 24, 2019 / 03:19 pm

Vinod Chauhan

राम मंदिर मुद्दे पर किन्नर आखाड़ा देशभर के साधु-संतों के साथ हैं, लेकिन किसी प्रकार की राजनीति होगी, तो किन्नर अखाड़ा किसी के साथ नहीं होगा। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से पत्रिका की खास बातचीत।

मेरे राम के लिए भी तारीख पर तारीख, किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से विशेष बातचीत

विनोद सिंह चौहान/के.आर. मुण्यिार, प्रयागराज.

आस्था और भक्ति से संगम प्रयागराज कुंभ में दर्जनों अखाड़ों के बीच किन्नर आखाड़ा भी लगा है, लेकिन उसे लेकर कई साधु-संतों ने सवाल उठाए हैं। उधर, किन्नर आखाड़े ने साफ कर दिया कि जब हमारी कुंभ में कोई जरूरत नहीं है तो उन धर्मामार्चों का भी कोई काम नहीं, उन्हें भी अपनी गठरी उठाकर चले जाना चाहिए। राम मंदिर मुद्दे पर किन्नर आखाड़ा देशभर के साधु-संतों के साथ हैं, लेकिन किसी प्रकार की राजनीति होगी, तो किन्नर अखाड़ा किसी के साथ नहीं होगा। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से पत्रिका की खास बातचीत।

सवाल: धर्माचार्यों से बात हुई कि कुंभ में किन्नर आखाड़े की क्या आवश्यकता है। इस पर क्या कहना चाहेंगे।
जवाब: अगर हमारी आवश्यकता नहीं है तो उनकी भी आवश्यकता नहीं है। वो भी अपनी गठरी बांध कर चले जाएं। धर्म कभी किसी पर कटाक्ष स्वयं नहीं करता है। कटाक्ष और तिरस्कार हमसे अच्छा कोई नहीं जातना। ऐसे धर्माचार्य स्वामी तुलसीदास और राम को मानना भी बंद कर दें।

सवाल: कुंभ में भी राम मंदिर निर्माण का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसमें किन्नर अखाड़ा क्या सहयोग देगा।
जवाब: मैं सारे साधु-संतों से पूछना चाहती हूं कि राम मंदिर के मुद्दे पर अलग-अलग बोलने की क्या जरूरत है। बीजेपी हो, आरएसएस हो, बीएचपी हो। क्या हम संगठित होकर एक आवाज नहीं हो सकेंगे। क्या राम प्रभु एक पॉलिटिकल फिगर हैं, कि चुनाव आते ही राम मंदिर के लिए आवाज उठाना शुरू कर देते हैं। मेरे भोले भाले राम के साथ यह छलावा नहीं चलेगा। आज मैं कुंभ में दरबारी में बैठी हूं और मुझे इस बात पर लज्जा आती है कि मेरे राम प्रभु आज भी छोटे से टैंट में कैद हैं। मेरा संकल्प है कि राम का मंदिर वहीं बनेगा, जहां प्रभु पैदा हुए। हम से ज्यादा प्रभु के लिए किसने तपस्या की है।

सवाल: कुछ दिनों बाद धर्म संसद होगी, क्या किन्नर अखाड़ा भी उनके साथ रहेगा।
जवाब: धर्मादेश पहले भी आया था, किन्नर अखाड़ा उस दौरान भी साथ था। सनातन धर्म की हम दासी हैं। इसमें भी प्रभु के नाम पर राजनीतिक लोग पर वोट खींचने का काम करेंगे तो हम उनके साथ नहीं है। हमारे प्रभु को किसी पॉलिटिकल पार्टी की जरूरत नहीं है, उन्हें केवल सेवकों की जरूरत है। पांच साल में बहुत कुछ हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

सवाल: यह भी सामने आ रहा है कि राम मंदिर का मुद्दा समाज को बांट रहा है, क्या यह सही है।
जवाब: प्रधानमंत्रीजी ने कहा है कि जो सुप्रीम कोर्ट कहेगा वो करेंगे। मैं कोई नहीं होती हूं जो सुप्रीम कोर्ट को ज्ञान दूं। लेकिन जो मुद्दा समाज को बांट रहा है। सुप्रीम कोर्ट को उस मुद्दे को सबसे पहले सुलझाना चाहिए। जब आधी रात को आंतकवादी की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट, अदालत लगा सकता है। मेरे राम का मुद्दा तो सबसे बड़ा है। इसके लिए भी पॉलिटिकल स्टंट किया जा रहा है। मेरे राम के साथ लगातार यह छलावा किया जा रहा है। मेरे राम के लिए तारीख पर तारीख तय की जा रही है, ऐसा कब तक चलेगा।

सवाल: धर्म या समाज ने आपको किस रूप में देखा है।
जवाब: धर्म या प्रभु ने कभी हमें अछूता नहीं किया। धर्म ने हमेशा सम्माान किया है। इस दिव्य और भव्य कुंभ में यह दिखाई भी देता है कि प्रशासन ने कभी लैंगिंग भेदभाव नहीं किया। पूरा भारत कहता है कि यूपी का समाज रूढ़ीवादी है, लेकिन यहां सभी ने हमारा सम्मान किया है। अखाड़ा व मठ में जटिल परम्परा होने के बाद भी कहा है कि सनातन धर्म सबके लिए खुला है और सबका अपना स्थान है। जो सत्य है वही सनातन धर्म है। लेकिन आज धर्म को भी पुरुष प्रदान कर दिया है।

सवाल: इस आस्था के कुंभ में किन्नर अखाड़े को किस रूप में देखते हैं।
जवाब: आस्था के कुंभ में किन्नर अखाड़े का बहुत बड़ा वजूद स्थापित हुआ है। इसका वास्तविक रूप हमने कुंभ के पहले स्नान में देगा। जब जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने स्नान किया। लोगों के बीच बहुत सारी बातें थी कि किन्नर अखाड़ा विलय हो गया है। लेकिन हमारा विलय नहीं हुआ है। किन्नर अखाड़ा था, किन्नर अखाड़ा है और हमेशा रहेगा। यह हरीगिरी महाराज ने कहा और इसी बात पर हम जूना अखाड़े के साथ हुई हैं।

Home / Prayagraj / मेरे राम के लिए भी तारीख पर तारीख, किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से विशेष बातचीत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो