गौरतलब है कि धूमनगंज में सोमवार कपड़ा व्यवसायी के माकान में आग लगने के बाद एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी। लोगों का कहना है कि घटना के बाद आग लगने की सूचना पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी का टैंकर उस वक्त खाली था। जिसकी वजह पानी का इंतजाम स्थानीय तौर पर करना करना था। लेकिन आस- पास पानी की व्यवस्थान न होने के चलते समय रहते फायर ब्रिगेड के कर्मचारी राहत कार्य शुरु नहीं कर पाए। जिसके बाद फायर स्टेशन से पानी के साथ और गाड़ीयां मंगाई गई। वहीं घटना के दिन आग पर काबू पाने के लिए एयरफोर्स स्टेशन के भी मदद ली गई थी।
सूचना के तकरीबन एक घंटे बाद रहात कार्य के लिए मौके पर जब फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची तो लोगों का कहना है उनके पास रस्सी, सीढी, हथौड़ा, हेल्मेट जैसे महत्वपूर्ण सामान नहीं था। वहीं लोग आग की लपटों में घिरे परिवार को बचाने के लिए दिवार को तोड़ रहे थे। तो फायर कर्मी आग की लपटों के शांत होने का इंजरार कर रहे थे। वही इस मामले में फायर ब्रिगेड के अधिकारियों से बात नहीं हो सकी।
बता दें कि एक ही परिवार की तीन जिंदगीयों को आग की लपटों में घिरे परिवार को बचाने का काफी प्रयास किया गया था। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। पड़ोसी का कहना है कि पड़ोसी को पड़ोसी को बजाने के लिए उन्होंने अपने माकान की दीवार तक तोड़ दी थी। लोकिन वह पड़ोसियों को नहीं बचा सके। गौरतलब है कि इस हादसे में कपड़ा व्यवसायी उमेश केशरवानी की मां रुक्मणी (70), पत्नी स्नेहलता (45) और बेटी पारुल (22) की आग में जिंदा जलकर मौत हो गई थी, घटना में उमेश को समय रहते स्थानीय लोगों ने जिंदा बचा लिया गया है। वहीं व्यवसायी का बेटा घटना के वक्त घर से बाहर था।