दारागंज थाना क्षेत्र के संगम इलाके में स्थित दशाश्वमेध घाट के गणेश मंदिर के पास उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब बेखौफ बदमाशों ने दिन दहाड़े गोलीबारी व बमबाजी शुरू कर दी। इस घटना में चार लोग घायल हो गये। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। घायलों में महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के पोते अखिलेश त्रिपाठी के साथ गगन निषाद व दो महिलाएं भी घायल हो गईं।
पुलिस के मुताबिक नकाबपोश बदमाश गगन निषाद को मारने आये थे। हमलावरों ने गगन निषाद को निशाना बनाकर बम और गोलियां दाग दी। जिसमें वही सब्जी खरीद रहे। अखिलेश त्रिपाठी की कमर में बम लगा और वो बुरी तरह घायल हो गए। साथ ही गगन निषाद सहित दो महिलाएं भी घायल हो गईं। सुचना होते ही मौके पर कई थानों की फोर्स के अलावा पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंच गए। सरेराह बीच बाजार बम और गोलिया बरसाकर दहशत फैलाने वालो की तलाश में जुटी है।
चारों घायलों को शहर के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की खबर पाकर मौके पर पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंच गए। पुलिस के मुताबिक गगन निषाद के पिता और भाई की हत्या वर्ष 2007 में की गई थी। इसमें पिंटू निषाद मुल्जिम बनाया गया था और वो जेल में है। पिंटू के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस अब इस घटना को अंजाम देने वालों की तलाश में जुट गई है।
वही एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि सारा विवाद एक भू-माफिया से है, जो कि रामलीला मैदान को लेकर है। सालों से उस जमीन पर रामलीला होती आई है। लेकिन एक भूमाफिया उस पर कब्जा करना चाहता है। जबकि वर्ष 2013 में कोर्ट ने उक्क स्थान पर रामलीला कराने का आदेश दिया था। हम वहां रामलीला कर सकते हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस और भू-माफिया के मिलीभगत चलते दारागंज पुलिस ने हमें दो दिन की अनुमति दी। इस बार गगन निषाद भव्य तरीके रामलीला कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने काफी पैसा भी खर्च किया था। स्थानीय व्यक्ति के अनुसार रामलीला कमेटी में अखिलेश त्रिपाठी निराला भी सक्रिय सदस्य थे। दोनों लोगों को मारा गया है। साथ पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पैसे लेकर पुलिस भू-माफिया का साथ दे रही है।
by Prasoon Pandey