यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति महबूब अली की खण्डपीठ ने कौशाम्बी, करारी थाना क्षेत्र निवासी हरिशंकर मौर्या की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र ने बहस की। याची का कहना है कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री साधना का 13 मई 17 को खेत में जाने के बाद अपहरण कर लिया गया जिसकी नामजद एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
कोई पता न चल पाने पर बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गयी। नोटिस जारी होने के बावजूद न आरोपी पकड़े गये और न ही लड़की बरामद की गयी। याचिका पर बार-बार पुलिस द्वारा प्रगति रिपोर्ट ही पेश की गयी किन्तु लम्बे समय तक लड़की की बरामदगी न हो पाने के कारण याची ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका वापस ले ली और नाबालिग लड़की की तलाशी व बरामदगी के लिए याचिका दाखिल की है।
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