याचीगण का कहना है कि सरकार ने कोर्ट में दी गयी अंडरटेकिंग के बावजूद शिक्षकों का नए सिरे से स्थानांतरण किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने सरकारी वकील से जानकारी मांगी थी। उपलब्ध कराई गई जानकारी से पता चला कि याचीगढ़ की शिकायत सही है। कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि सरकार 2017 की सरप्लस सूची के आधार पर स्थानांतरण प्रक्रिया फिर से कैसे शुरू कर सकती है। जबकि उसने खुद कोर्ट में वादा किया था कि सूची के आधार पर स्थानांतरण नहीं होंगे। कोर्ट ने 24 मई तक प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिलकरने का निर्देश दिया है।
क्या सरकार की तरफ से मुकदमा दाखिल कर सकता है इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 28 मई तक जवाब मांगा है कि क्या सरकारी वकील ,सरकार की तरफ से मुकदमा दाखिल कर सकता है या शासन की अनुमति से विभाग द्वारा मुकदमा दाखिल होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अलीगढ़ के सत्यवीर शर्मा व् अन्य की याचिका पर अधिवक्ता राघवेंद्र मिश्र को सुनकर दिया है।कोर्ट ने अपर आयुक्त स्टम्प अलीगढ़ के 4 अप्रैल 2018 के आदेश पर रोक लगा दी है। याची का कहना है कि उसने जमीन का बैनामा लिया।
तहसीलदार ने स्टम्प चोरी की रिपोर्ट दी।जिसपर कलेक्टर ने बकाया स्टैम्प शुल्क ब्याज सहित जमा करने का आदेश दिया।याची ने बकाये राशि का भुगतान भी कर दिया।इसके बाद सरकारी वकील ने बिना विभाग की अनुमति लिए अपील दाखिल कर दी और अपर आयुक्त स्टम्प ने उसे स्वीकार भी कर लिया।जिसे याचिका में यह कहते हुए चुनौती दी गयी है कि सरकारी वकील किसी सरकारी मामले में अपील दाखिल नही कर सकता।सुनवाई28 मई को होगी।
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