उन्होंने बताया कि चुनाव की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस बार मतदान कर्मी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के कर्मचारी नहीं होंगे ।बल्कि इसके लिए बाहर से लोगों को बुलाया गया है जो बैलट पेपर देने, पहचान मिलाने और उंगली में स्याही लगाने का काम करेंगे। इसके अलावा पूरे मतदान प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए कंट्रोल रूम होगा हर बूथ पर दो हजार बार के लोगों तैनाती की जाएगी ।जो चुनाव की निगरानी करेंगे और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल उसका निदान कर सकेंगे। मतदान कर्मियों को चाय नाश्ता आदि उनके स्थान पर ही उपलब्ध कराया जाएगा ताकि लोगों के इधर उधर जाने से किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैल सके।
मतदान के लिए इस बार कुल 20 बूथ बनाए गए हैं ।मगर वरिष्ठ अधिवक्ताओं और महिला अधिवक्ताओं को छोड़कर के शेष 18 बूथों में से किसी भी बूथ पर अधिवक्ता मतदान कर सकेंगे पूर्व में दी गई व्यवस्था सीरियल नंबर या अल्फाबेट नंबर के हिसाब से बूथ अलाट करने की व्यवस्था इस बार समाप्त कर दी गई हैं । कमेटी के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बूथवार मतदाताओं की संख्या निर्धारित न करने की वजह से किसी एक बूथ पर बहुत ज्यादा भीड़ होने की आशंका है और इससे अव्यवस्था फैल जाएगी। साथ ही साथ मतदान में धांधली होने की भी संभावना है ।इस पर चेयरमैन वीसी मिश्रा का कहना था कि व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इस स्तर पर किसी भी प्रकार के परिवर्तन की संभावना नहीं है ।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसी व्यवस्था के तहत गत वर्ष भी मतदान कराया गया था और किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं हुई ,इसलिए यह शंका निर्मूल है।