यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति वी सी दीक्षित की खंडपीठ ने बद्दोपुर गांव के निवासी मसरूर अहमद व अन्य की याचिका पर दिया है। याचियों का कहना था कि मस्जिदों में रोजाना पांच बार दो मिनट के लिए इन उपकरणों के प्रयोग की अनुमति चाहते हैं। यह उनका धार्मिक अधिकार है। बढ़ती आबादी के कारण लोगों को लाउडस्पीकर के जरिए नमाज के लिए बुलाना जरूरी हो गया है।
कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 25 (1) सभी नागरिकों को अपने धर्म को मानने और उसका प्रचार करने की अनुमति देता है। किन्तु यह निर्बाध अधिकार नहीं है। यह अनुच्छेद 19 के साथ प्रयुक्त होगा।सामाजिक भाईचारे व शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए प्राधिकारी स्पीकर बजाने की अनुमति देने से इंकार कर सकते हैं। सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए एसडीएम ने मस्जिद पर स्पीकर बजाने की अनुमति नहीं दी है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
BY- Court Corrospondence