कोर्ट ने कहा कि जब तक राज्य सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं ले लेती, तब तक याची के विरुद्ध जारी वसूली कार्यवाही के तहत उत्पीड़न न किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने चंदौली के राजेंद्र प्रताप सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याची अधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार के 21 जुलाई 1986 के शासनादेश के तहत प्रोत्साहन योजना लागू की। जिसके तहत सिनेमा भवन का निर्माण कराया गया। सरकार के अनुदान से निर्माण किया गया। सिनेमा भवन समय के भीतर निर्माण नहीं हो सका। निर्माण में देरी हुई इसके बावजूद समय अवधि पूरी होने की तिथि से उससे मनोरंजन कर वसूला जा रहा है। जबकि एक निश्चित अवधि के लिए कर वसूली न किये जाने की योजना है। सरकार के शासनादेश के उद्देश्यों को विपरीत वसूली की जा रही है। कोर्ट ने कहा जब सरकार ने चलचित्र नियमावली के तहत सिनेमाघरों को प्रोत्साहन की योजना तैयार की तो उत्पीड़न कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
BY- Court Corrospondence