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प्रयागराज

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ पहली बार हुआ बड़ा आदेश,कैम्पस में बढ़ी हलचल

कुलपति जाँच तक नहीं आयेंगे कैम्पस,हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे जाँच

प्रयागराजSep 21, 2018 / 01:43 am

प्रसून पांडे

allahabad university

r l hanglau

इलाहाबाद:इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगालू के कथित ऑडियो के सामने आने के बाद शुरू हुआ कुलपति का विरोध प्रदर्शन हर दिन बढ़ता जा रहा है। छात्रनेता कुलपति के निलंबन से कम कुछ भी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। कुलपति के विरोध में राजनीतिक दलों के छात्र संगठन अब पार्टी लाइन से अलग होकर एक साथ मंच पर आ गए हैं ।और कुलपति को हटाने की मांग कर रहे हैं।इस बीच दो दिन तक शांत रहने के बाद कुलपति को लेकर विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ चितरंजन सिंह ने देर रात विज्ञप्ति जारी कर कुलपति के खिलाफ जांच टीम गठित करने की जानकारी दी ।

वही विवि कैंपस में लगातार चल रहे हंगामे के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुलपति के कथित ऑडियो और अन्य आरोपों के दस्तावेज तलब किए है।एमएचआरडी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ कुलपति के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गये है। हालाकि यह स्पष्ट नही है की जांच कब तक चलेगी और कुलपति वापस कब आयेंगे।बता दें की कुलपति के खिलाफ बढ़ रहे आक्रोश के बीच उनके चुपके से दिल्ली निकलने की खबर मिल रही है। देर रात डॉ चितरंजन सिंह ने विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को सूचित किया कि कुलपति पर लगे आरोपों की जांच के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रभारी कुलपति के एस मिश्रा ने एक जांच समिति गठित कर दी है।

कुलपति का प्रभार संभाल रहे प्रोफेसर केस मिश्रा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति माननीय अरुण टंडन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन कर दिया। यह जांच कमेटी हाल के दिनों में हुए विवाद की गहराई से जांच करेगी। ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक व्हाट्सएप चैट और ऑडियो क्लिप को लेकर विश्वविद्यालय में तनाव का माहौल बना हुआ है। कार्यवाहक कुलपति प्रो मिश्रा ने इस जाँच कमिटी का गठन किया। विश्वविद्यालय की तरफ से अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति माननीय अरुण टंडन को इस आशय का एक पत्र भेजा गया है। न्यायमूर्ति अरुण टंडन की इस उच्च स्तरीय जांच कमेटी के नोडल ऑफीसर दिनेश गोस्वामी बनाए गए हैं। जिन भी लोगों के पास इस प्रकरण से जुड़े हुए दस्तावेज हैं वे दिनांक 24 से 26 सितंबर तक 11 बजे से 2 बजे के बीच विश्वविद्यालय अतिथि गृह में आकर संबंधित सामग्री दे सकते हैं। उधर विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल पर तक जांच चलेगी वह कुलपति कार्यालय में प्रवेश नहीं करेंगे।

विवि से जुड़े सूत्रों की माने तो कुलपति को अधिकारमुक्त कर दिया गया है।बीते ढाई साल में यह पहला मौका है जब कुलपति के अधिकार मुक्त होने की बात सामने आई है।इसके पहले चले आंदोलनों के बावजूद कुलपति लगातार बचते रहे है।लेकिन महिला का कथित आडियो आने के बाद से उनकी मुश्किलें बढती जा रही है। अब सभी को इस मामले में महिला के सामने आने का इंतज़ार है।वही अब एमएचआरडी के कदम का भी इंतज़ार है की वह क्या निर्णय लेती है।

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