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राष्ट्रपति के निर्देश पर पूर्व कुलपति के खिलाफ आज आयेगी जांच टीम ,अश्लील चैट सहित कई गंभीर आरोप

locationप्रयागराजPublished: Feb 06, 2020 12:45:14 pm

विजिटर के निर्देश पर एमएचआरडी ने गठित की टीम

Investigation team against former AU VC RL Hanglu will come today

राष्ट्रपति के निर्देश पर पूर्व कुलपति के खिलाफ आज आयेगी जांच टीम ,अश्लील चैट सहित कई गंभीर आरोप

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू के खिलाफ की गई शिकायतों की जांच के लिए गठित की गई टीम विश्वविद्यालय पहुंच रही है। प्रोफ़ेसर हंगल पर वित्तीय अनियमितता शैक्षिक प्रशासनिक तौर पर तमाम शिकायतें मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। टीम से शिकायत करने वाले छात्र नेता और प्रोफेसरों ने मिलने का भी समय मांगा है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू भले ही वापस चले गए हो। लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने वाली नहीं है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सबसे विवादित कुलपति के तौर पर रहे हंगलू के खिलाफ 200 से अधिक पन्नों का शिकायत पत्र मंत्रालय को सुपुर्द किया गया है। प्रोफेसर हंगलू के खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय को वित्तीय प्रशासनिक और शैक्षिक अनीता से जुड़ी शिकायतों का पत्र भेजा गया है। प्रोफेसर रतनलाल हंगलू के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए राष्ट्रपति के निर्देश पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इग्नू के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। इसमें बतौर सदस्य इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश के कुलपति श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी और गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रमाशंकर दुबे सम्मिलित है।

इन मामलो में हुई है शिकायत
प्रोफेसर रतनलाल हंगलू के खिलाफ महिला के साथ आपत्तिजनक चैट और अंतरंग बातों का ऑडियो वायरल हुआ था। विश्वविद्यालय में पद सृजन करने के रोक के बावजूद ओएसडी समेत 4 दर्जन से अधिक पदों को सूचित कर नियुक्ति की गई। कार्यपरिषद के रूप के बावजूद 22 संविदा कर्मियों को वेतन और एरियर का भुगतान किया गया है। रजिस्ट्रार रहे कर्नल हितेश लव को गलत तरीके से उनके पद से हटाने के मामले में भी शिकायत की गई है। वहीं शिक्षकों की वरिष्ठता की अनदेखी कर जूनियर शिक्षकों को लाभ दिया गया है। विश्वविद्यालय और संबद्ध कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता की दर्जनों शिकायत दी गई है। सेवानिवृत्ति के बाद समिति के पूर्व प्राचार्य का कार्यकाल बढ़ाया गया है। अपनी सुविधा के लिए एसयूवी लग्जरी गाड़ियों की खरीद.फरोख्त के मामले में भी शिकायतें हुई है।विश्वविद्यालय में ज्यादातर सुरक्षाकर्मियों को खुद की सुरक्षा एजेंसी से ही तैनात किया गया है ।वहीं विश्वविद्यालय में अधिवक्ताओं का पैनल होते हुए भी दूसरे अधिवक्ताओं को मोटी रकम देकर विश्वविद्यालय के मुकदमों में खड़ा किया गया।

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