मथुरा के मंदिर में नमाज पढ़ने वाले व्यक्ति को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
मथुरा के नंद महल मंदिर में दिल्ली की संस्था खुदाई खिदमतगार के चार लोगों द्वारा नमाज पढ़ने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने फैसला सुनाया है

प्रयागराज. मथुरा के नंद महल मंदिर में दिल्ली की संस्था खुदाई खिदमतगार के चार लोगों द्वारा नमाज पढ़ने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने नमाज पढ़ने वाले मुस्लिम व्यक्ति को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि तर्कहीन और विवेकहीन गिरफ्तारियां मानवाधिकार का उल्लंघन हैं। पुलिस के पास गिरफ्तारी आखिरी विकल्प होना चाहिए और यह सिर्फ तभी होना चाहिए जब आरोपी की गिरफ्तारी अनिवार्य हो या उसकी न्यायिक जांच करनी हो।
मंदिर में पढ़ी थी नमाज
गौरतलब है कि पिछले वर्ष दो नवंबर को दिल्ली की संस्था खुदाई खिदमतगार के चार लोगों ने मथुरा के नंद महल मंदिर में नमाज पढ़ा था। इनमें एक व्यक्ति फैसल खान था, जिसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। दूसरे व्यक्ति चांद मोहम्मद को हाईकोर्ट ने मंगलवार को अग्रिम जमानत दी। इसके अलावा दो अन्य व्यक्तियों की पहचान आलोक रत्न और नीलेश गुप्ता के तौर पर हुई थी। 18 दिसंबर को फैसल खान को अग्रिम जमानत मिल गई थी।
वकीलों ने दी यह दलील
हाईकोर्ट में चांद मोहम्मद की सुनवाई के दौरान उनके वकील अली कंबर जैदी ने कहा कि कुछ तस्वीरें वायरल होने से यह नहीं कहा जा सकता कि उनके मुवक्किल का इरादा समाज में साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने का था। उधर, सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि आरोपों को देखते हुए चांद मोहम्मद को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
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