वर्ष 2017 में गोरखपुर के सांसद के तौर पर योगी आदित्यनाथ की कट्टर हिंदू की पहचान थी। यही कारण है कि उस दौरान भडक़े दंगे के बीच योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में पीडि़तों से मिलने जा रहे थे। जिसपर सपा सरकार के निर्देश पर पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया था।
सूत्र बताते हैं कि उस समय सपा सरकार में मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी। यही कारण है कि मुख्तार और योगी की दुश्मनी सामने आ गई। सपा सरकार ने गोरखपुर दंगे के आरोप में योगी आदित्यनाथ को 11 दिन के लिए जेल भेज दिया था। उस दौरान भाजपा के नेताओं ने खूब हंगामा किया। आरोप लगाया कि मुख्तार के इशारे पर मुलायम सरकार ने योगी के खिलाफ कार्रवाई की थी। वहीं जेल से वापिस आने के बाद योगी आदित्यनाथ संसाद में फूट फूट कर रोए थे।