उधर नगर निगम का कहना है कि आनंद भवन का हाउस टैक्स पिछले कई सालों से नहीं जमा हो रहा। यही वजह है कि आनंद भवन पर दो करोड़ 71 लाख 13 हजार 534 रुपये का हाउस टैक्स बकाया चढ़ गया है। उस पर ब्याज चढ़कर यह बकाया राशि चार करोड़ 19 लाख 57 हजार 495 रुपये रुपये पहुंच चुकी है। उधर नोटिस मिलने के बाद हड़कम्प मच गया। जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड के प्रशासनिक सचिव डॉ. एन बाला कृष्णन की ओर से नोटिस का जवाब देते हुए मेयर को पत्र लिखकर हाउस टैक्स का मूल्यांकन गलत होने की बात कही है। उन्होंने दावा किया है कि चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधि कॉमर्शियल नहीं हो सकती।
इस मामले में मीडिया को दिये बयान में मेयर अभिलाशा गुप्ता नंदी ने कहा है कि आनंद भवन प्रबंधन ने बढ़ने वाले हाउस टैक्स पर कभी आपत्ति नहीं जतायी, इसलिये बकाया बढ़ता रहा। अगर उनकी ओर से कोई आपत्ति आएगी तो उस पर भी विचार किया जाएगा। आनंद भवन की ओर से कभी निगम को चैरिटेबल ट्रस्ट और भवन के राष्ट्र को समर्पित होने की जानकारी नहीं दी गयी। अगर जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड कीओर से कागजात मुहैया कराए जाएंगे तो कार्यकारिणी में हाउस टैक्स कम करने पर विचार किया जाएगा।
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