डीआईजी मेला केपी सिंह ने बताया कि मौनी अमावस्या के स्नान पर सबसे अधिक लोग खोया-पाया केन्द्र पर पहुंचे थे।70 महिला व दो बच्चे ऐसे थे जिनके परिजन एक-दो दिन तक नहीं आये थे। अंत मे कई परिजन आकर अपने लोगों को ले गये थे लेकिन 30 महिला व दो बच्चों को लेने कोई नहीं आया था। इसके बाद पुलिस ने खोया-पाया केन्द्र में रह रही महिला व बच्चों से आवास की आवश्यक जानकारी ली। इसके बाद उनके क्षेत्र के थाना से सम्पर्क कर आवास का पता किया गया। आवास की सही जानकारी मिल जाने के बाद पुलिस की टीम बनायी गयी और फिर घर छोड़ा गया। पुलिस की इस पहल की सभी सहारना कर रहे हैं जबकि पहले ऐसा नहीं होता था जो लोग बिछुड़ जाते थे उनमे से कुछ कभी घर नहीं लौट पाये थे और कुछ लौटे भी तो बहुत समय के बाद।