मस्जिद की देखरेख करने वाले मोहम्मद कलीम का कहना है कि थाने का एक दरोगा आया था जिस ने बताया कि अजान के दौरान लाउड स्पीकर की आवाज तेज होने के चलते आस-पास के लोगों को परेशानी होती है। जिस पर तत्काल ही आवाज धीमी कर दी गई। वहीं इस मामले में आईजी रेंज के पी सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि रात 10 से सुबह 6 तक किसी तरह का ध्वनि प्रदूषण न हो। निर्धारित डेसिबल से ज्यादा की ध्वनि वाले यंत्रों का प्रयोग न किया जाए।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के घर के करीब एक मस्जिद से आने वाली अजान की तेज आवाज उन्हें ठीक से सोने नहीं देती। कुलपति ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी कि अजान की अवाज उनकी नींद को खराब कर देती है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए जिलाधिकारी से अपेक्षा की थी कि वह क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करेंगे। कुलपति ने एसएसपी, आईजी और कमिशर को भी पत्र की कॉपी भेजी थी।
कुलपति ने डीएम को लिखा था खत
कुलपति की ओर से जिलाधिकारी को लिखा गया पत्र का विषय है, ‘नॉयस पॉल्यूशन इन द सिविल लाइंस, प्रयागराज’ यानी ‘सिविल लाइंस, प्रयागराज में ध्वनि प्रदूषण। कुलपति ने अपने पत्र में लिखा था कि प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे के असपास उनके घर के निकट स्थित मस्जिद से आने वाली अजान की तेज आवाज से उनकी नींद खराब हो जाती है। हालंकि उन्होंने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया था कि वह किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के खिलाफ नहीं हैं। कुलपति ने अपने पत्र में आगे लिखा था कि यहां तक ईद में सुबह चार बजे सहरी की घोषणा की जाती है। इसके कारण भी आस-पास के लोगों को समस्या होती है। कुलपति ने डीएम से अपेक्षा की थी कि वह जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई करेंगे ताकि शांति कायम हो सके और अजान की तेज आवाज से परेशान लोगों को राहत मिल सके।