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उन्होंने बताया था कि मेरा फोन डिस्चार्ज हो रहा है। यहां लाइट नहीं है। रविवार की सुबह भी उनका फोन स्विच ऑफ था। एक बार फिर इन्होंने किसी दूसरे नंबर से मुझे फोन किया था। और कहा कि सोमवार को बात होगी 17 को लखनऊ आना है।मीना नंदन के अनुसार विवेक नंदन डिप्रेशन के मरीज थे। उनका इलाज चल रहा था । विवेक नंदन के परिजन जहां इस घटना से बिल्कुल हैरान है वही एजी ऑफिस से कर्मियों में बेहद आक्रोश है।जानकारी के अनुसार स्वरूप रानी अस्पताल के इमरजेंसी में विवेक नंदन की भर्ती होने के समय रविवार को शाम 4 बजकर दस मिनट दर्ज है उस में जानकारी दर्ज है। रजिस्टर में है कि जब उन्हें लाया गया तो उनकी मौत हो चुकी थी ।
वहीं एजी ऑफिस से कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन ने दावा किया था कि चुनाव के दौरान हर सेक्टर पर एंबुलेंस की व्यवस्था होगी। डॉक्टरों की मोबाइल टीम निगरानी करती रहेगी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी अतिरिक्त ड्यूटी पर डॉक्टर रहेंगे। लेकिन जब विवेक की तबीयत खराब हुई तो बूथ पर कोई भी डॉक्टर एंबुलेंस नहीं पहुंची जब उनकी तबीयत खराब हुई थी।किसी ने सुध नही ली । मीना नंदन अपने बच्चो के साथ लखनऊ में रहती थी जबकि उनके पति प्रयागराज में पोस्टेड थे ।