प्रोफ़ेसर गिरीश चंद्र पार्टी 2014 से 2017 तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन किया ।इसके अलावा आईआईटी बीएचयू के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन भी रह चुके हैं। अर्थशास्त्र के शिक्षक गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने अपनी शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही पूरी की है। 2017 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राओं के आंदोलन के बाद उन्हें बीएचयू से वापस आना पड़ा था। वह विश्वविद्यालय में वापसी के बाद विभागाध्यक्ष पद पर अपनी निम्मेदारी निभा रहे थे।
प्रमुख सचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रोफेसर त्रिपाठी की नियुक्ति अगले तीन साल के लिए उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में की गई है । यह अवधी आदेश जारी होने की तिथि से ही मान्य होगी। अध्यक्ष के अलावा उच्च शिक्षा परिषद में दो उपाध्यक्ष राज्य सरकार के वित्त और नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का एक वरिष्ठ अधिकारी यूपी के उच्च शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग के निदेशक सदस्य के रूप में भी शामिल होंगे। प्रोफ़ेसरत्रिपाठी ने 1975- 76 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद प्रोफेसर बालकृष्ण त्रिपाठी के निर्देशन में अपनी पीएचडी पूरी कर 1982 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लेक्चरर पद पर नियुक्त होने वाले डॉक्टर गिरीश चंद्र पार्टी 1999 में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर नियुक्त हुए। त्रिपाठी मूलता सीतापुर के रहने वाले हैं। बीएचयू से वापस होने के बाद एक बार फिर अपने ही विभाग से जुड़े। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोफेसर त्रिपाठी के तमाम रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं।