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UPHESC: भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा से परिणाम तक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर उठे सवाल, कार्रवाई की उठी मांग

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में लिखित परीक्षा के साथ ही गड़बड़ियां शुरू हो गईं थीं। शुरू में ही हजारों अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी नहीं किए गए। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 47 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों पर भर्ती होनी है और ज्यादातर विषयों की उत्तरकुंजी पर आपत्तियां दर्ज कराई गईं, जिनकी संख्या हजारों में थी।

प्रयागराजMay 02, 2022 / 05:26 pm

Sumit Yadav

UPHESC: भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा से परिणाम तक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर उठे सवाल, कार्रवाई की उठी मांग

UPHESC: भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा से परिणाम तक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर उठे सवाल, कार्रवाई की उठी मांग

प्रयागराज: यूपी की उच्च शिक्षा में सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। विज्ञापन संख्या-50 के तहत प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया में कई गड़बड़ी सामने आने से विवाद बढ़ता जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा परिणाम तक यूपी उच्चतर शिक्षा आयोग विवादों के घेरे में रहा। भर्ती से जुड़े प्रतियोगी छात्र प्रक्रिया पर सवाल उठना शुरू कर दिया है। छात्र मांग कर रहे हैं कि इन गलतियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
लिखित परीक्षा से शुरू हुई गड़बड़ी

जानकारी के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में लिखित परीक्षा के साथ ही गड़बड़ियां शुरू हो गईं थीं। शुरू में ही हजारों अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी नहीं किए गए। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 47 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों पर भर्ती होनी है और ज्यादातर विषयों की उत्तरकुंजी पर आपत्तियां दर्ज कराई गईं, जिनकी संख्या हजारों में थी।
मामला पहुंचा इलाहाबाद हाईकोर्ट

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती मामले लगातार हो रही गड़बड़ी के चलते विवाद खड़े हुए। इसके बाद फिर विधि विषय की संशोधित उत्तरकुंजी भी विवादों से घिरी रही। इसके बाद मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया और यूपीएचईएएसी को विधि विषय के अभ्यर्थियों का प्रस्तावित साक्षात्कार स्थगित करना पड़ा। गलतियां सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि कॉलेजों की वरीयता में भी विसंगति के मामले सामने आए।
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यूपीपीएससी को सौंपी जाए जिम्मेदारी

भर्ती में शामिल प्रतियोगी छात्रों की अब मांग है कि सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की जिम्मेदारी उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से वापस लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को सौंप दी जाए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की तकरीबन सभी भर्तियों पर विवाद होता है। ऐसी संस्था को भर्ती की जिम्मेदारी सौंपकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

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