बता दें कि यह लड़ाई समाजवादी पार्टी बनाम राजनीतिक दल नहीं बल्कि भगवा ब्रिगेड बनाम समाजवाद की लड़ाई के साथ समय बनाम सत्ता की लड़ाई है। बता दें 2013- 14 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पहली निर्वाचित महिला छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने विश्वविद्यालय की कमान बतौर अध्यक्ष संभाली लेकिन छात्र संघ में अन्य पदों पर विद्यार्थी परिषद का कब्जा रहा। जिसमे छात्रसंघ के उदघाटन के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तत्कालीन गोरखपुर के सांसद भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया उस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।
बता दें कि उस समय बतौर अध्यक्ष ऋचा सिंह ने योगी आदित्यनाथ का विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में आने का पुरजोर विरोध किया भयंकर आंदोलन हुआ।मामला दिल्ली तक गया,और आखिर में सीधे सत्ता का हस्तक्षेप होने के चलते अखिलेश यादव के निर्देश पर योगी आदित्यनाथ को रास्ते में गिरफ्तार कर वापस भेज दिया गया।इसके बाद तिलमिलाया भगवा ब्रिगेड पूरे साल ऋचा सिंह को अकेले छोड़ कर कैंपस की राजनीति में हस्तक्षेप रखता रहा। लेकिन कुलपति बनाम छात्रसंघ की लड़ाई में एक बार फिर सब साथ आए और एक बार फिर यह साथ छूटता हुआ दिख रहा है।
जिसको लेकर निर्भय द्विवेदी सहित उनके संगठन ने कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी है। ऐसे में समाजवादी छात्र सभा का यह कार्यक्रम कराना एक टेढ़ी खीर है ।जबकि समाजवादी छात्र सभा के साथ समाजवादी पार्टी के लिए दौरा फूलपुर के उपचुनाव के नजरिए से खासा महत्वपूर्ण है। अब देखना यह होगा कि अखिलेश के राह पर योगी चलेंगे।और अखिलेश यादव को भी वापस किया जायेगा।