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प्रयागराज

अब संगम किनारे दिखेगी भारत की वो संस्कृति, जो आपने नहीं देखी होगी, कभी राजाओं के लिए शुरू हुई थी ये बड़ी परंपरा

संस्कृति विभाग ने बुलाया, गंगा की आरती के साथ नृत्य से लुभा रहे जनता को

प्रयागराजJan 18, 2019 / 06:45 pm

धीरेंद्र यादव

Sanskriti department

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प्रयागराज के कुंभ 2019 में आपको एक बार फिर उसी परपंरा के दर्शन होंगे, जो कभी राजाओं महाराजाओं के लिए हुआ करती थी। सीधे शब्दों में कहा जाए, तो अब गंगा किनारे आपको भारत की उस संस्कृति का दर्शन होगा, जो आपने कभी नहीं देखी होगी। संस्कृति विभाग ने ये व्यवस्था की है। अब गंगा किनारे नागड़ों की धुन के साथ नृत्य कर गंगा की आरती के साथ अब जनता राजा-महाराजा की तरह गंगा स्नान करेगी। मथुरा की टीम संगम पर सुबह से लेकर शाम तक नागाडों की धुन पर जनता को गंगा में स्नान करवाएगी। सुधीर पंडित Report
ये है पुरानी परंपरा
मथुरा-वृंदावन से नगाड़ा पार्टी के हजान सिंह ने बताया कि बड़े मौकों पर नगाड़ा बजाने की काफी पुरानी परम्परा है। पहले कुंभ में जब राजा-महाराज जाते थे, तो उनके साथ नगाड़ा पार्टी जाती थी। नगाड़ा पार्टी स्नान के दौरान नगाड़ा बजाकर जनता के मनोरंजन सहित कई तरह की धुन पर नृत्य किया जाता था। पुरानी परम्परा को जागृत करने के लिए आए हैं। राजा-महाराजाओं के समय में यह परमपरा जारी थी। नगाड़ा बजाकर राजा-महाराजा स्नान की वक्त ले जाते थे। संस्कृति विभाग ने मथुरा से पूरी टीम को बुलाया है। टीम के सदस्य जब नगाड़ा के साथ अन्य उपकरण बजाते हैं, तो धुन पर दो सदस्य नृत्य करते हैं। इस तरह गंगा के गुणगान के साथ ही मनोरंजन भी किया जाता है।
ब्रिज डांस को बजाने की कोशिश
लगातार ब्रिज डांस खत्म होती जा रही है। काफी प्राचीन परंपरा और नृत्य धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। प्राचीन नृत्य को बचाने और लोगों तक पहुंचाने के लिए एक नगाड़ा दल बनाया गया है। इसके लिए देशभर में धूमकर कार्य कर रहे है।

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