इस जांच कमेटी के अध्यक्ष प्रो० आर० के० उपाध्याय को बनाया गया है। जबकि प्रो० अनुराधा अग्रवाल प्रो० के० पी० सिंह प्रो० शबनम हमीद कमेटी में बतौर सदस्य कार्य करेंगे। इसके साथ ही रजिस्ट्रार प्रो० एन पी शुक्ला कमेटी के सचिव बनाये गए हैं। समिति सभी तथ्यों की जांच पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट कार्यपरिषद के समक्ष रखेगी। गौरतलब है कि इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद पर विदेशी जमातियों की मदद का आरोप लगा था। उनके खिलाफ महामारी छिपानेए विदेशी जमाती की मदद के साथ ही फारेनर्स एक्ट के तहत शिवकुटी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने 21 अप्रैल को प्रोफेसर और 16 विदेशी जमातियों समेत 30 लोगों को जेल भेज दिया था।
प्रोफेसर की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेजे जाने की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन ने 24 अप्रैल को उन्हें निलंबित कर दिया था। वाइस चांसलर ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर को सस्पेंड करने का आदेश दिया था। जिसके बाद रजिस्ट्रार प्रो एनके शुक्ला ने सस्पेंशन आर्डर जारी किया था। प्रोफेसर शाहिद पर ये भी आरोप है कि उन्होंने जमात में शामिल होने के बाद भी जानकारी छिपाई थी। वे जमात से लौटने के बाद विवि भी गए थे और उन्होंने छात्रों की परीक्षा भी कराई थी। हालांकि कोरोना की जांच में प्रोफेसर शाहिद की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन जमात से लौटने की जानकारी प्रशासन से छिपाने और इंडोनेशिया से आए सात विदेशी जमातियों को प्रयागराज की एक मस्जिद में ठहराने के आरोप में उनके खिलाफ शिवकुटी थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था।