पुलिस टीम के सामने भागा शातिर शूटर
वकील राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड मामले में पुलिस फुटेज में दिख रहे शूटरों तक पहुंचने का दावा कर रही है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस के निशाने पर आये शातिर शूटरों को पकड़ने के लिये जिले के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर दबिश डाली गयी। जिले के शार्प शूटर राजेश माइकल के घर भी पुलिस ने छापा मारा लेकिन वहां से माइकल छत से कूदकर पुलिस का घेरा तोड़ फरार हो गया। पुलिस की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई। पुलिस की मानें तो माइकल शातिर शूटर है और सुपारी लेकर हत्या करने में वह एक्सपर्ट है। सूत्रों के मुताबिक राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज में बाइक पर पीछे बैठा शख्स राजेश माइकल की तरह दिख रहा है। पुलिस ने देर रात एसएसपी नितिन तिवारी के नेतृत्व में पांच अलग-अलग टीमें बनाकर माइकल के घर दबिश शुरू की लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी।
CCTV फुटेज में दिख रहा शूटर माइकल जैसा
अधिवक्ता हत्याकांड के शूटरों को पकड़ने के लिये पुलिस पेशेवर अपराधियों के साथ जरायम की दुनिया में पनप रहे शौकिया शूटरों को भी खंगाल रही है। क्योंकि हो सकता है कि यह काम किसी बिल्कुल नए चेहरे से कराया गया हो। इसके अलावा आस-पास के जिलों में उभरे नए शूटरों के गिरोह पर भी नजर गड़ाए है। पुलिस ने इसी के तहत राजेश माइकल के रिश्तेदारों को पकड़कर उसकी फोटो हासिल की। सूत्र बताते हैं कि फोटो से फुटेज का मिलान करने पर गोली चलाने वाला व्यक्ति माइकल के ही जैसा लग रहा है।
नीरज वाल्मिकी का करीबी है माइकल
राजेश माइकल शातिर अपराधी नीरज वाल्मिकी का करीबी है। पुलिस नीरज वाल्मिकी से जुड़े लोगों पर नजर बनाए हुए है। बता दें कि नीरज बाल्मीकि इलाहाबाद के शिवकुटी इलाके का रहने वाला है। वह कुख्यात अपराधी राजा पांडे गिरोह के लिए काम करता है। राजा पांडे नीरज बाल्मीकि का नाम शहर में हुए हाईप्रोफाइल डॉक्टर बंसल हत्या कांड में भी नाम आया था।
कहीं बंसल हत्याकांड जैस न हो हाल
अधिवक्ता हत्याकांड की कुछ देर बाद ही पुलिस अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज जारी कर जल्द ही हत्यारों को पकड़ लेने के दावे किये। पर सारे दावे खोखले निकले। कप्तान का तबादला कर उनकी जगह जिन्हें लाया गया, उन्हें काफी तेज तर्रार प्रचारित किया गया। बावजूद इसके शूटर्स खुलेआम घूम रहे हैं। अब लोग चह चर्चा करने लगे हैं कि कहीं इस हत्याकांड का हाल भी चर्चित बंसल हत्याकांड की तरह ही न हो। बताते चलें कि डॉ बंसल हत्याकांड मामले में पुलिस ने तीन हजार से ज्यादा लोगों को उठाया, उनसे पूछताछ की और हर दिन मामले के जल्द खुलासे का दावा किया। उसके बाद से अब तक जिले में चार बार कप्तान बदले जा चुके पर पुलिस बंसल हत्याकांड का खुलासा नहीं कर पायी।
By Prasoon Pandey