बता दें कि आत्मबोधानंद उसी कुंभ की संगम की रेती पर आमरण अनशन कर रहे हैं। जहां उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भव्य कुंभ का नारा लगा रही है जहां पर उत्तर प्रदेश की सरकार ने पहली बार कैबिनेट की बैठक कराकर इतिहास रचने का काम किया लेकिन वही सरकार 106 दिनों से अन्न को त्यागने वाले मां गंगा अविरल बनाने की मांग करने वाले संत से मिलना मुनासिब नही समझा। दिव्य – भव्य कुंभ के लिए 4200 करोड़ से भी ज्यादा पैसे खर्च करने वाली सरकार एक संत की सुध लेने नही पंहुची ।
आत्मबोधानंद कहते हैं कि मैंने प्रयाग आने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय में इसकी सूचना दी थी कि मैं गंगा की अविरल ता को लेकर अनशन करने जा रहा हूं ।लेकिन मुझे कोई जवाब नही मिला और ना ही मिलने कोई आया । प्रयागराज में केंद्र सरकार राज्य सरकार का कोई न कोई मंत्री रहता है लेकिन कोई भी हाथ में बोधानंद के मातृ सदन में जाने की जहमत नहीं उठा रहा है। आत्मबोधानंद कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हत्यारी सरकार है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरस्वती को जबरन उठा कर हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उनकी 24 घंटे में मौत हो गई मौत की जिम्मेदार भाजपा और मोदी की सरकार है।
आत्मबोध आनंद कहते हैं हिमालय सहित उत्तराखंड में आने वाले भूस्खलन की जिम्मेदार सरकार है ।उनके अनुसार हिमालय से गंगा का जो पानी आता है लेकिन डैम बनाने की वजह से वहां पानी का स्रोत बंद हो गया है । पहाड़ सूख रहे हैं, भूस्खलन जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं हिमालय की तलहटी में बसे गांव बिना पानी के हो गए हैं ।वहां खेती बंद हो गई है साथ ही वह बताते हैं कि हिमालय से आने वाले पानी का 96ः पानी बिजली बनाने के उपयोग में आ रहा है या दिल्ली भेज दिया जा रहा है जो गंगाजल लोगों को स्नान करने के लिए मिलना चाहिए वह पानी दिल्ली के लोग टायलेट में यूज कर रहे हैं और गंगा में नहाने वाले लोगों को फैक्ट्रियों का गंदा पानी मिल रहा है ।
आत्मबोधानंद कहते हैं कि गंगा के पानी में 17 तरह की बीमारियों को समाप्त करने की क्षमता है लेकिन 90ः पानी टिहरी के बाद में रोका गया उसके बाद जो बचा वो हरिद्वार तक के डैमो में रोक लिया जा रहा है। जिसके कारण गंगा की अविरल था और निर्मलता समाप्त हो गई है। पत्रिका से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी सानंद ने जिस प्रोजेक्ट को प्रपोज किया था। गंगा को बचाने के लिए उसे लागू जब तक नहीं किया जाएगा वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा में 50 प्रतिशत गोमुख का पानी छोड़ा जाए हरिद्वार में माइनिंग रोकी जाए। गंगा के नाम पर ऑटोनॉमस बॉडी बनाई जाए जिसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप ना हो जिसमें वैज्ञानिक और गंगा के लिए काम करने वाले लोगों को रखा जाए आत्मबोधानंद के अनुसार बिजली बनाने के नाम पर करोड़ों का घोटाला हो रहा है लेकिन सरकार अपनी आंख बंद कर रखी है आत्मबोधानंद 105 दिनों से नींबू नमक शहद और पानी पीकर अनशन पर बैठे हैं।