पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को संगम नगरी में भाव पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।बहुमुखी प्रतिभा के धनी विराट ह्रदय वाले अटल बिहारी को भूलना आसन नही होगा।पूर्व प्रधानमंत्री का संगम नगरी से राजनीतिक तौर से तो कोई सीधा नाता नहीं रहा लेकिन उनकी तमाम यादें यहाँ की गलियों से जुड़ी है।यह वो सड़के और गालियां हैं जिन पर चल पर अटल जी चुनावी सभाएं की थी।गंगा यमुना सरस्वती के पावन तट पर गंगा की गोद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ? का संगम की रेती से उनका चित्र उकेर कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।इलाहाबाद विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स के छात्रों ने संगम के किला घाट पर अटल बिहारी वाजपेई का चित्र बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्व प्रधानमंत्री के न रहने पर शहर में उनके आने की तमाम यादें साझा की जा रही हैं ।पूर्व विधायक प्रभा शंकर पांडे ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी इतने प्रखर वक्ता थे कि वह सामने खड़ी भीड़ का मन जान लेते थे ।उन्होंने बताया कि अटल बिहारी 12 जनवरी 1886 को युवा दिवस के आयोजन पर इलाहाबाद पहुंचे थे ।इस दौरान में जनसभा को संबोधित कर रहे थे ।और देखते ही देखते जनसभा में युवाओं की तादात बढ़ती गई ।अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा यह प्रयाग युवाओं का शहर है ।जिसे चाहे शिखर पर पंहुचा दें ।उसके बाद लाखों के हुजूम ने अटल बिहारी जिंदाबाद का नारा लगाया और शानदार तरीके से रैली सफल हुई ।बता दें की प्रभा शंकर वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के प्रभारी हैं।