विजय मिश्रा की गिनती शहर के कद्दावर नेता के साथ बड़े व्यवसायी के रूप में भी की जाती है। साथ ही राजनीति गलियारे में ब्राह्मणों के बीच उनकी अच्छी पैठ है। मिश्रा 2007 में महापौर चुनाव लड़ चुके हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से वो काफी नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें बीजेपी का शहर दक्षिणी से मजबूत दावेदार माना जा रहा था। वहीं नामांकन के दो दिन पहले बीजेपी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी शहर दक्षिणी से मैदान में उतार दिया। इस तरह बीजेपी ने विजय मिश्रा को तगड़ा झटका दिया।
इससे विजय मिश्रा और उनके समर्थकों में बीजेपी के लिए काफी नाराजगी देखने को मिली। हालंाकि उस दौरान उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ा। वहीं अब मिश्रा ने नगर निकाय चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस का दामन थाम कर बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। उससे भी बड़ा झटका बीजेपी को आज उस समय लगा जब कांग्रेस ने विजय मिश्रा को अपना महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया।
बीजेपी की अंतिम तैयारी से पहले लगा झटका
बीजेपी ने अभी तक नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासी पत्ता नहीं खोला है। बीजेपी के ठीक पहले कांग्रेस ने अपना ब्राह्मण कार्ड खेल कर बीजेपी की मुश्किले बढ़ा दी हैं। मिश्रा सियासी मैदान में वो बीजेपी प्रत्याशी के सामने कड़ी टक्कर देते नजर आएंगे। मालूम हो कि विजय मिश्रा शहर दक्षिणी के कद्दवार नेता हैं। ब्राह्मणांे और व्यापारियों के बीच अच्छी पैठ होने के कारण बीजेपी को भारी नुकसान होना तय है।