जूना अखाड़े के संत प्रेम पुरी महाराज ने बताया कि इतनी अव्यवस्था कभी नहीं हुईं, जितनी कुंभ 2019 के दौरान शाही स्नान के घाट पर हुई हैं। वहीं महानिर्वाणी अखाड़े के संत विद्यानंद जी महाराज ने बताया कि शाही स्नान के लिए जाते हुए संतों की भीड़ में पहली बार आम आदमी का प्रवेश हुआ है। उन्होंने मौके पर ही पुलिस अधिकारी से साफ शब्दों में कहा कि व्यवस्थाएं पूरी तरह फेल हैं। श्रद्धालु थे, प्लाटून पुल था, नागाओं को रोक लिया गया, अन्यथा कोई बड़ी घटना हो सकती थी।
पहले दिन कुंभ के शाही स्नान में भारी अव्यवस्थाएं दिखाई दीं, हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर आसमान से जमीन तक सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहीं। लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए देश की सभी सुरक्षा एजेंसियों ने संगम की नगरी में मुस्तैद दिखीं। आईबी, राज्य अभिसूचना इकाई एलआईयू, एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पैरामिलिट्री, आरएएस, पीएसी, आरपीएफ, उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ सुरक्षा का मोर्चा संभाले हुए हैं। मेला क्षेत्र छावनी में तब्दील रहा। शाही स्नान और मेला के सुरक्षा के लिए पहली बार एनएसजी और एटीएस ने सुरक्षा का खाका तैयार किया है।
शाही स्नान घाट पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। अखाड़ों से लेकर संगम तक के रूट पर पैरा मिलिट्री का पहरा लगा है। संगम पर एसटीएफ एनएसजी कमांडो की तैनाती की गई है। भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र में 120 डायल हंड्रेड की गाड़ियां तैनात हैं। बम निरोधक दस्ते सतर्क हैं।शाही स्नान के मार्गों की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। पुलिस के अधिकारी ड्रोन कैमरे के जरिए कमांड सेंटर से नजर बनाए हुए हैं। अखाड़े की पेशवाई के साथ पैरामिलिट्री प्रस्थान से लेकर आगमन तक साथ साथ है। पुलिस के साथ आरएफ के कमांडो और पैरामिलिट्री का घेरा बना है।