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अलवर

इस जिले के 21 सरकारी स्कूलों की कमान अब निजी हाथों में, पीपीपी मॉडल पर चलेंगे विद्यालय

राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को अब निजी हाथों को सौंपने जा रही है। इन विद्यालयों को पीपीपी मॉडल के तहत चलाया जाएगा।

अलवरDec 12, 2017 / 04:05 pm

Dharmendra Adlakha

21 schools of alwar will be in private hands
अलवर. राज्य सरकार की मंत्रीमंडलीय निर्णय के बाद अलवर जिले के 21 सरकारी स्कूलों को पीपीपी मॉडल पर चलाया जाएगा। जिले में पीपीपी मॉडल पर चलने वाले स्कूलों में बानसूर ब्लॉक के सबसे अधिक स्कूल हैं। ये सभी सरकारी स्कूल माध्यमिक स्तर के हैं जिनमें पहले से ही विद्यार्थियों की संख्या अधिक है।

सरकार ने आदर्श स्कूलों को पीपीपी मॉडल से दूर रखा है लेकिन उनके समीप वाले अच्छे चल रहे दूसरे स्कूलों को इसमें शामिल किया है। सरकार ने प्रदेश में प्रथम चरण में अभी 300 सरकारी विद्यालयों को अभी पीपीपी मॉडल पर देने का निर्णय किया है।
इन स्कूलों में सरकार की चलने वाली सभी योजनाएं पूर्ववत चलेंगी ओर इनमें मिड-डे मील भी चलाया जाएगा। इन स्कूलों में अभिभावकों की बनने वाली विद्यालय विकास समिति के निर्णय से ही इनमें अन्य निर्णय लिए जा सकेंंगे। इन स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को सरकार पहले की तरह पुस्तकें उपलब्ध कराएगी।

पहले भी कई प्रयोग किए, जो नही हो पाए प्रभावी


सरकार कई बार सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षण के लिए कई कदम उठा चुकी है जो प्रभावी नहीं रहे हैं। सरकार ने मॉडल स्कूल बनाए जिनमें पर्याप्त स्टाफ तक नहीं है। इसी प्रकार आदर्श स्कूल बनाए जिनमें पर्याप्त संसाधन तक नहीं है। शिक्षा विभाग ने कई बार स्कूलों की दशा सुधारने के प्रयास किए लेकिन स्कूलों की दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है।
शिक्षकों में खलबली, भविष्य की चिंता


सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों को पीपीपी मॉडल पर देने से शिक्षा विभाग में हलचल हो गई है। शिक्षा विभाग में इस बात को लेकर चर्चा है कि भविष्य में और भी स्कूल पीपीपी मॉडल पर दिए जा सकते हैं। इससे यह विभाग निजीकरण की ओर जा रहा है। इस बारे में शिक्षक नेताओं और प्रभावित ग्रामीणों ने अपनी प्रतिक्रिया इस प्रकार व्यक्त की।
ये स्कूल जाएंगे पीपीपी मॉडल पर

-राजकीय सैकंडरी स्कूल, बग्गू का बास, ब्लॉक बानसूर।
– राजकीय सैकंडरी स्कूल, बड़ा गांव, ब्लॉक बानसूर।
-राजकीय सैकंडरी स्कूल, बुर्जा, ब्लॉक बानसूर।
-राजकीय सैकंडरी स्कूल लालपुरा, ब्लॉक बानसूर।
-राजकीय सैकंडरी स्कूल जंगरू, ब्लॉक कठूमर।
– राजकीय सैकंडरी स्कूल बड़दा, ब्लॉक कठूमर।
-राजकीय बालिका सैकंडरी स्कूल,सोड़ावास, ब्लॉक मुंडावर।
-राजकीय सैकंडरी स्कूल आकोड़ा, ब्लॉक रैणी।
– राजकीय सैकंडरी स्कूल डगडगा, ब्लॉक रैणी।
– राजकीय सैकंडरी स्कूल गोवर्धन पुरा, ब्लॉक राजगढ़।
– राजकीय बालिका सैकंडरी स्कूल नौगांवा, ब्लॉक रामगढ़।
-राजकीय सैकंडरी स्कूल धवाला बास, ब्लॉक रामगढ़।
– राजकीय सैकंडरी स्कूल सूरतगढ़, ब्लॉक थानागाजी।
– राजकीय सैकंडरी स्कूल मुसारी, ब्लॉक तिजारा।
– राजकीय बालिका सैकंडरी स्कूल गोठड़ा, ब्लॉक तिजारा।
-राजकीय सैकंडरी स्कूल इंदोक, ब्लॉक उमरैण।
– राजकीय सैकंडरी स्कूल बिलानी, बलॉक उमरैण।
अब होगा इन स्कूलों के स्टाफ का तबादला


इन सरकारी स्कूलों में कार्य करने के लिए शैक्षिक और गैर शैक्षिक कार्यों के लिए स्टाफ सरकार की ओर से उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। जिस स्कूल को किसी कम्पनी ने गोद लिया है तो वह इसके लिए स्टाफ अपने स्तर पर सरकारी नियमानुसार योग्य शिक्षक नौकरी पर रखेगा। इसके लिए प्राइवेट कम्पनी और सरकार के मध्य दस वर्ष का करार होगा जिसे आगे बढ़ाया भी जा सकेगा।इन स्कूलों को प्राइवेट कम्पनियों के साथ होने वाले समझौते के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन किया है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट प्रिंसीपल, एक सरकारी स्कूल के प्रिंसीपल, एक प्रिंसीपल प्राइवेट स्कूल का होगा। सरकार अगले शिक्षा- सत्र से इन स्कूलों को प्राइवेट कम्पनी को सौंप देगी।

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