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अलवर

बालिका गृह में देर रात बालिका की मौत मौत की सूचना देरी से देने का आरोप

अमृतसर की रहने वाली हैं दोनों बहनें, हालात के चलते माता-पिता का साथ छूटने पर पहुंची थी अलवर

अलवरOct 15, 2021 / 01:46 am

Pradeep

बालिका गृह में देर रात बालिका की मौत मौत की सूचना देरी से देने का आरोप

बालिका गृह में देर रात बालिका की मौत मौत की सूचना देरी से देने का आरोप

अलवर. शहर के सोनावां की डूंगरी स्थित आरती बालिका गृह में गुरुवार की रात एक बालिका की तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई। अमृतसर निवासी दो बहनों में मृतका छोटी थी। बालिका का सामान्य चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवा शव परिजन को सौंप दिया गया। सूचना मिलने पर एसडीएम भी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।
बालिका गृह संचालक के अनुसार अमृतसर निवासी 10 वर्षीय व 11 वर्षीय दो बहने उनके गृह में पिछले पांच साल से रह रही हैं। इनमें 10 वर्षीय बालिका को गुरुवार रात करीब ढाई बजे जी घबराने की परेशानी हुई। जिसके बाद बालिका को रात को अस्पताल में लाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल ज्यूरिस्ट पीसी सैनी ने बताया कि बालिका की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। पोस्टमार्टम के दौरान बालगृह संचालक चेतराम सैनी, अधीक्षक मीरा सैनी, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामनिवास यादव, बाल कल्याण समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष राजेश शर्मा, सदस्य हवा सिंह और कुलदीप भी मौजूद रहे।

दानदाताओं ने करवाया था पैर का ऑपरेशन
मृतका को कुछ माह पहले पैर के घुटने में परेशानी हुई थी। जिसका ऑपरेशन दानदाताओं के सहयोग से निजी अस्पताल में करवाया गया था। बालिका तभी से कुछ बीमार चल रही थी। अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार बालिका के पैर में टीबी का इलाज भी चला था।

परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
शव को लेने आए परिजन बलवंत ने बताया कि बालिका के माता पिता के बाद नाना नानी की भी मौत हो चुकी है। बाद में उन्हें बालिका गृह में रखा गया। उन्होंने बताया कि कोरोना से पहले बालिकाओं से मिलने आते रहे, लेकिन पिछले दो साल से मिलने नहीं आ पाए। उन्होंनेआरोप लगाया कि बालिका की मौत की सूचना उन्हें देरी से दी गई। बालिका के इलाज के बारे में भी उन्हें नहीं बताया गया।

रात को ही अस्पताल लेकर आए
तबीयत खराब होने पर बालिका को रात को ढाई बजे बालिका गृह से तुरंत हास्पिटल लेकर आए थे, उस समय यही पहली प्राथमिकता थी। यह बालिका गृह राजस्थान के आदर्श होम में आता है, यहां आज तक कोई शिकायत नहीं आई है। सेटेलाइट अस्पताल की टीम प्रति सप्ताह बालिका गृह में जांच करती है। बच्चे के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है।
चेतराम सैनी, संचालक, बालिका गृह
बालिका की रात को तबीयत खराब हुई थी, सूचना मिलते ही हम अस्पताल पहुंच गए। अज्ञात कारणों से मौत होने की बात है। बालिका का पोस्टमार्टम करवाया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।
रामनिवास यादव, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग, अलवर।

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