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अलवर

राजस्थान के इस सरकारी स्कूल में नहीं पहुंचा एक भी शिक्षक, बच्चों ने खुद की प्रार्थना, फिर चले गए अपने घर

सरकारी स्कूल का हाल देखिए, स्कूल में पढ़ाने के लिए एक भी टीचर नहीं पहुंचा। बच्चे प्रार्थना करके अपने घर चले गए।

अलवरMar 04, 2020 / 01:07 pm

Lubhavan

All Teachers Absent In Government School Kathumar Alwar

राजस्थान के इस सरकारी स्कूल में नहीं पहुंचा एक भी शिक्षक, बच्चों ने खुद की प्रार्थना, फिर चले गए अपने घर

अलवर. एक तरफ शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों की उपस्थिति ऑन लाइन भेजने के सख्त आदेश दे रखे हैं। दूसरी ओर एक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में निर्धारित समय से एक घंटे बाद भी एक भी शिक्षक नहीं पहुंचा। ऐसे में बच्चों ने स्वयं ही प्रार्थना कर ली और ग्रामीण ने इसका फोटो शिक्षा अधिकारी को भेज दिया।
कठूमर ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नगली भवाना में सोमवार सुबह 11 बजे एक भी शिक्षक नहीं पहुंचा। स्कूल में बच्चों ने शिक्षकों का इंतजार किया, शिक्षकों के नहीं आने के कारण इनमें से कुछ छात्र तो वापस चले गए, लेकिन इन्हीं में से कुछ बच्चों ने प्रार्थना शांति पूर्वक करा दी और बाद में वे शिक्षकों के आने का इंतजार करते रहे। इस सारे घटनाक्रम का एक युवक ने फोटो ले लिया। यह सूचना व फोटो एसएमसी अध्यक्ष रघुवीर सिंह ने कठूमर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी योगेन्द्र सिंह कुशवाहा को मोबाइल पर भेज दी।
कठूमर के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय के सभी स्टॉफ और प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही सभी शिक्षकों का उस दिन का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं। इस घटनाक्रम की सूचना जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक और मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अनिल कौशिक को दी है। इस मामले की जांच सम्बन्धित पीईईओ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जाडला के प्रिंसीपल को तीन दिन में करने के आदेश दिए हैं। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नगली भवाना में 5 शिक्षक और 52 विद्यार्थी हैं। इस मामले में पीईईओ ने जांच शुरू कर दी है, इसमें ग्रामीणों के बयान भी लिए जा रहे हैं।
ऑनलाइन करनी होती है उपस्थिति

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कुशवाहा का कहना है कि प्रतिदिन सुबह सवा दस बजे शाला दर्पण पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है, लेकिन यहां स्टॉफ ही देरी से आया। जिनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। यह कृत्य राजसेवा के प्रति घोर अनुशासनहीनता, उदासीनता और अर्कमण्यता का द्योतक है।
नेटवर्क नहीं मिलने का कर देते हैं बहाना
शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को प्रतिदिन सुबह सवा दस बजे तक उपस्थिति की सूचना देनी होती है, लेकिन कई बार बहुत से शिक्षक इस रिपोर्ट को ऑनलाइन भेजने में जान बूझकर देरी करते हैं। वे इसका कारण मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिलना बताते हैं।

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