एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि जोधपुर निवासी एक महिला नर्सिंगकर्मी ने शिकायत की थी कि ईएसआइ हॉस्पिटल में प्लेसमेंट कंपनी भर्ती करने की एवज में 2 लाख रुपए मांग रही है। कंपनी प्रतिनिधि घर पर ही रुपए लेने आ गया। इनकार कर दिया तो उसे भर्ती के लिए कॉल भी नहीं किया। तभी से एएसपी बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में एसीबी टीम भर्ती प्रक्रिया पर नजर रख रही थी।
सांसद का पीए मांग रहा था 5 लाख, कंपनी 4 लाख देने को तैयार एसीबी सूत्रों के मुताबिक अलवर सांसद के निजी सहायक प्रदीप सिंह ने भर्ती के लिए कुछ अभ्यर्थी भेजे थे। जब उसे अभ्यर्थियों से भर्ती से पहले रुपए मांगने की जानकारी लगी तो उसने कंपनी प्रतिनिधियों से 5 लाख रुपए की मांग की। कंपनी प्रतिनिधि 4 लाख रुपए ही देने को तैयार थे। एसीबी सांसद के पीए की भूमिका की पड़ताल कर रही है।
टीम अलवर पहुंची, कंपनी मालिक अजमेर एसीबी की टीम ने अलवर में अस्पताल में दबिश दी, तब पता चला कि भर्ती के नाम पर वसूली गई रकम लेकर कंपनी मालिक मिनेश अजमेर के लिए रवाना हो गया। तब एसीबी ने अजमेर टीम को सूचना देकर अजमेर टोल के पास ही मिनेश को पकड़ा। मिनेश के पास 15 लाख रुपए मिले। कंपनी के दो साझेदार है।
गुजरात की कंपनी को है ठेका मेडिकल कॉलेज में भर्ती के लिए केन्द्र सरकार ने गुजरात की एमजे सोलंकी कंपनी को टेंडर दिया है। कम्पनी को हर कर्मचारी के वेतन में से 2 प्रतिशत हिस्सा मिलना है। कंपनी ने अभ्यर्थियों से ही वसूली शुरू कर दी। कंपनी ने कई जिलों में अभ्यर्थियों से वसूली के लिए दलाल छोड़ रखे थे।
अलवर से चार जनों को पकड़ा कार्रवाई में शामिल अलवर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती घोटाले के मामले में एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए देर रात अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज से चार जनों को पकड़ा। साथ ही अजमेर और जोधपुर से एक-एक जाने को पकड़ा गया है। देर रात तक टीम की कार्रवाई जारी रही। अलवर में कार्रवाई करने वाली टीम में जयपुर मुख्यालय से एएसपी बजरंग सिंह, अलवर से एएसपी विजय सिंह और इंस्पेक्टर प्रेमचंद मौजूद रहे।