इस्तीफे में सभी कर्मचारियों ने बताया कि बहरोड उपखंड में निगम द्वारा दिए गए कार्यों तथा वीसीआर बकाया, बिजली बिलों की राशि वसूलने तथा कनेक्शन विच्छेद करने में रोजाना लड़ाई झगड़ा मारपीट और जान से मारने की धमकियां मिल रही है, जिसको लेकर पुलिस व प्रशासन कोई सहयोग नहीं कर रहा। निगम कर्मचारियों के साथ मारपीट, लड़ाई झगड़े की पूर्व में भी तीन घटनाएं घटित हो चुकी है। लेकिन इनमें आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे सभी कार्मिक मानसिक तनाव में रहते हैं। ऐसे में लेकर काम करवाते समय कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
वहीं उनका परिवार भी इस समय भय के माहौल में है। निगम कर्मचारियों के साथ आए दिन होने वाली घटनाओं को लेकर सभी अभियंताओं ने सामूहिक रूप से अपने इस्तीफे दिए। यह था मामला
बहरोड़ कस्बे के बाढड़ी मोहल्ले में बुधवार शाम जब विद्युत निगम की सतर्कता टीम बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई करने गई, इस दौरान टीम ने यादराम यादव के घर पर अवैध रूप से चल रहे आरओ प्लांट व एक पास के घर पर बिजली चोरी की घटना पकड़ी थी। जिसके बाद टीम ने बिजली के खंभों से केवल हटाना शुरू की तो पास के घर से सात-आठ लोग आए और सहायक अभियंता प्रशांत कुमार शर्मा के साथ मारपीट करने लग गए। जिसके बाद सहायक अभियंता को छुड़ाने आए अधिशासी अभियंता व अन्य कर्मचारियों के साथ भी मारपीट की गई। उनके मोबाइल फोन तथा डायरी छीन ली। वहीं जब विद्युत निगम के अधिकारी व कर्मचारी अपनी जान बचाकर गाड़ी की तरफ आए तो उनके पीछे पथराव कर गाड़ी के शीशे भी तोड़ दिए गए थे।
इस्तीफा देने वाले अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि वह सर्दी,गर्मी, बारिश में रात को भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। लेकिन उनके साथ ऐसी घटनाएं होने के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।ऐसे में उनका मनोबल अब टूट चुका है।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अलवर के अधीक्षण अभियंता डीसी अग्रवाल का कहना है कि बहरोड के अभियंताओं ने घटना के विरोध में सामूहिक इस्तीफे अधिशासी अभियंता बहरोड को सौंपे थे, जो समझाइश बाद मान गए हैं और अभी सभी ने अपने इस्तीफे वापस ले लिए हैं।