जिला परिषद चुनाव में भाजपा की रणनीति को एक के बाद एक झटके लगने का दौर जारी है। जिला परिषद के चार वार्डों में भाजपा के प्रत्याशी चुनाव शुरू होने से पहले ही बाहर हो चुके हैं। ऐसे में जिला परिषद सदस्य के चुनाव में भाजपा की परेशानी बढ़ गई है। भाजपा को सबसे बड़ा झटका जिला परिषद के वार्ड नम्बर 20 में लगा है, यहां से भाजपा की ओर से घोषित प्रत्याशी ने पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों को भनक भी नहीं लगने दी और नाम वापस ले लिया। इससे भाजपा चुनाव रणनीतिकारों पर फिर सवाल उठने लगे हैं।
टिकट मिलने के बाद नामांकन दाखिल नहीं किया
पंचायत समिति मालाखेड़ा में भाजपा ने एक वार्ड में अपना प्रत्याशी घोषित किया, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन वह नामांकन दर्ज कराने ही नहीं पहुंची। इससे भी भाजपा की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े होने लगे थे।
कैसे साकार होगा जिला प्रमुख बनाने का दावा भाजपा का दावा अलवर में जिला प्रमुख बनाने का है। लेकिन पार्टी 49 में से 45 जिला परिषद वार्डों में चुनाव लड़ रही है। वहीं दो वार्डों में निर्दलीय के सहारे है। जिला परिषद के दो वार्ड ऐसे हैं, जहां अभी भाजपा व समर्थित प्रत्याशी ही नहीं है। ऐसे में भाजपा की जिला प्रमुख बनाने की राह आसान नहीं रह गई है।
कार्यकर्ताओं का विश्वास तोड़ा
जिला परिषद के वार्ड नम्बर 20 से भाजपा प्रत्याशी कालूराम ने पार्टी को बिना सूचना दिए नाम वापस लेकर कार्यकर्ताओं का विश्वास तोडऩे का कार्य किया है। भाजपा ने बूथ स्तर के कार्यकर्ता को टिकट में प्राथमिकता दी है, उन्होंने ऐसे कृत्यों से बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए ठीक नहीं किया है। कांग्रेस ने सत्ता का दुरुपयोग कर यह खेल खेला है।
संजय नरूका
जिलाध्यक्ष, भाजपा अलवर दक्षिण जिला