जितेन्द्र सिंह ने केन्द्रीय विद्यालय मोती डूंगरी पर वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अलवर की जनता देख चुकी है कि बीते 5 सालों में अलवर जिले का विकास थम गया है। अलवर में पांच वर्ष पूर्व इतने बड़े प्रोजेक्ट आए थे कि यहां का नाम राष्ट्रीय पटल पर छा गया था। अलवर के साथ ना इंसाफी की गई है। अलवर का नागरिक अब विकास चाहता है। अलवर लोकसभा क्षेत्र में बाहर के प्रत्याशियों का आकर यहां से चुनाव लडऩा यहां की जनता का अपमान है। अब यहां के लोग यह समझ चुके हैं। अलवर लोकसभा चुनाव में प्रशासन की सख्ती के दौरान ही नोट और शराब तक मिली है। ऐसे प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अलवर में इस समय मुख्य समस्या पेयजल और बेरोजगारी की है। अलवर में चम्बल की नदी का पानी आना चाहिए जिससे पेयजल समस्या का समाधान हो पाएगा।
सिंह के अनुसार भाजपा धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगती है। अब प्रधानमंत्री मोदी के जुमलों के झांसे में आने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में अपने पद की गरिमा का गिराया है। सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ी है और आम व्यक्ति बेरोजगारी से परेशान हैं। सरकार शहीदों के नाम पर वोट मांग रही है जो हमारे वीर सैनिकों का अपमान है। नोटबंदी के नाम पर देश में बेरोजगारी बढ़ी है और महंगाई बढ़ी है। इस चुनाव में प्रधानमंत्री ने एक बार भी विकास को लेकर बात नहीं की है। भाजपा ने अब चुनाव पूरी तरह जाति व सम्प्रदाय के नाम पर लड़ाया है जिससे देश में घृणा का वातावरण बना है।