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अलवर

विधायक तो बन गए, अब लोकसभा चुनाव में होगी असल परीक्षा, कांग्रेस की चिंता ज्यादा, जानिए कैसे

विधायकों के सामने अब लोकसभा चुनाव में अपनी जीत की बढ़त बरकरार रखने की चुनौती है।

अलवरFeb 26, 2019 / 03:38 pm

Hiren Joshi

Alwar MLA's New Challenge Is Lok Sabha Election

विधायक तो बन गए, अब लोकसभा चुनाव में होगी असल परीक्षा, कांग्रेस की चिंता ज्यादा, जानिए कैसे

विधानसभा चुनाव के दौरान कई विधायक बड़ी जीत दर्ज कराने में कामयाब रहे, लेकिन उनकी असल परीक्षा अब लोकसभा चुनाव में होनी है। कांग्रेस समेत ज्यादातर राजनीतिक दलों का लोकसभा चुनाव में दारोमदार इन्हीं बड़ी जीत दर्ज कराने वाले विधायकों के प्रदर्शन पर टिका है।
अलवर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र अलवर शहर, अलवर ग्रामीण, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, किशनगढ़बास, बहरोड़, मुण्डावर व तिजारा शामिल है। विधायकों की दृष्टि से कांग्रेस यहां अन्य दलों से आगे दिखाई पड़ती है। कारण है कि अलवर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के तीन, भाजपा व बसपा के दो-दो विधायक हैं, वहीं एक विधायक निर्दलीय है।
कांग्रेस की चुनौती ज्यादा

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनौती अन्य दलों से ज्यादा है। इसका कारण है कि अलवर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के तीन में से दो विधायकों ने विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ी जीत दर्ज कराई थी। इनमें जिले की सबसे बड़ी जीत राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र से जौहरीलाल मीणा की रही। वहीं अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से टीकाराम जूली भी जिले में तीसरी बड़ी जीत के हकदार बने थे। वहीं रामगढ़ में कांग्रेस जीत तो दर्ज कराने में सफल रही, लेकिन जीत का आंकड़ा ज्यादा बड़ा नहीं कर पाई। अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इन तीनों क्षेत्रों में न केवल विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने, बल्कि वोटों का अंतर बढ़ाने की चुनौती है।
बसपा पर भी प्रदर्शन दोहराने की चुनौती

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा पर ही पुराने प्रदर्शन दोहराने का दवाब नहीं, बल्कि बसपा के लिए भी विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने की बड़ी चुनौती है। गत विधानसभा चुनाव में बसपा ने अलवर लोकसभा क्षेत्र में किशनगढ़बास व तिजारा में जीत दर्ज कराई थी। हालांकि दोनों ही क्षेत्रों में जीत का अंतर ज्यादा नहीं रह पाया था, लेकिन जिले में बसपा करीब 16.15 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रही थी। हालांकि रामगढ़ में पार्टी का वोट प्रतिशत घटकर 13.36 फीसदी रह गया था।
भाजपा को वजूद दिखाना होगा

भाजपा को लोकसभा चुनाव में अपना वजूद दिखाने की चुनौती है। इसका कारण है कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा को अलवर लोकसभा क्षेत्र में मात्र दो सीटें मिली हैं, इनमें अलवर शहर की सीट पर संजय शर्मा जरूर करीब 22 हजार वोटों से जीत दर्ज करा पाए, वहीं मुण्डावर में जीत का आंकड़ा कम रहा। यही कारण लोकसभा चुनाव में भाजपा की परीक्षा भी कम नहीं है। गत अलवर लोकसभा उप चुनाव में भी भाजपा को सभी आठों विधानसभा क्षेत्र में हार झेलनी पड़ी थी। जबकि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां बड़ी जीत दर्ज कराई थी।
कहां किसकी कितनी बड़ी जीत

राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ जौहरीलाल मीणा कांग्रेस 30298
अलवर ग्रामीण टीकाराम जूली कांग्रेस 26477
अलवर शहर संजय शर्मा भाजपा 22008
रामगढ़ सफिया खान कांग्रेस 12228
मुण्डावर मंजीत चौधरी भाजपा 17602
किशनगढ़बास दीपचंद खैरिया बसपा 9916
तिजारा संदीप यादव बसपा 4457
बहरोड बलजीत यादव निर्दलीय 3836

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