नगर परिषद अलवर की ओर से शहर में 20 अगस्त तक 3 इंदिरा रसोई शुरू की जानी है। इसकी टेंडर प्रक्रिया को लेकर सोमवार दोपहर करीब पौने एक बजे सभापति बीना गुप्ता ने आयुक्त कुमार संभव अवस्थी को अपने कक्ष में बुलवाया। आयुक्त के पहुंचने पर सभापति उन्हें बातचीत के लिए कक्ष के अंदर कमरे में ले गई। इस दौरान पार्षद रवि मीणा, नारायण सांईवाल, प्रीतम मेहंदीरत्ता, सहायक अभियंता मुकेश तिवाड़ी और सभापति के बेटे कुलदीप आदि सभापति कक्ष में बैठे हुए थे।
वहां अंदर कमरे में दोनों के बीच विवाद हो गया। कुछ ही देर बाद आयुक्त कमरे से चिल्लाते हुए बाहर निकले और सभापति बीना गुप्ता मारपीट का आरोप लगाया। वहीं, सभापति बीना गुप्ता ने आयुक्त पर इंदिरा रसोई योजना की टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार करने का आरोप जड़े। चैम्बर में दोनों के बीच काफी गहमागहमी हुई। झगड़े की सूचना मिलने के बाद कोतवाली थानाधिकारी रघुवीर शरण शर्मा मय जाप्ता नगर परिषद पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इसके बाद आयुक्त शहर कोतवाली थाने पहुंच गए तथा सभापति ने पार्षद और कार्यालय के कर्मचारियों की बैठक बुला ली।
पहले आयुक्त फिर सभापति थाने पहुंची इसके बाद आयुक्त ने शहर कोतवाली थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया कि वह अपने कक्ष में बैठकर इंदिरा रसोई योजना की निविदा के सम्बन्धित कार्य कर रहे थे। दोपहर 12.50 बजे सभापति बीना गुप्ता ने उन्हें अपने कक्ष के अंदर कक्ष में बुलाकर पर्दा लगाया और उनके साथ मारपीट कर दी। वहीं, शाम को सभापति कुछ पार्षदों को लेकर शहर कोतवाली थाने पहुंची। सभापति ने कोतवाली थाने में लिखित रिपोर्ट दी कि उन्होंने सोमवार दोपहर किसी फाइल के सम्बन्ध में विचार-विमर्श के लिए नगर परिषद आयुक्त कुमार संभव अवस्थी को बुलाया था। दो बार बुलाने पर आयुक्त नहीं आए। तीसरी बार बुलाने पर आए और आते ही आयुक्त ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उनके साथ धक्का-मुक्की कर दी। जिसका पार्षदों से बीच-बचाव कराया।
दोनों की रिपोर्ट पर मामले दर्ज उधर, कोतवाल रघुवीर शरण शर्मा का कहना है कि नगर परिषद आयुक्त और सभापति दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ लिखित शिकायत दी। जिनके आधार पर परस्पर मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले की जांच एएसआई सुल्तान सिंह कर रहे हैं।
नगर परिषद में भ्रष्टाचार की राजनीति! अलवर नगर परिषद में नए बोर्ड को बने 8 माह से ज्यादा हो चुके हैं। पिछले कुछ समय से नगर परिषद की ओर से शहर के विकास को लेकर कोई काम नहीं हुए हैं। केवल भ्रष्टाचार की राजनीति चल रही है। अधिकारी और कर्मचारियों को इधर-उधर सीटों पर हटाया-लगाया जा रहा है। इसके अलावा अधिकारी और जनप्रतिनिधि आपस में झगड़ रहे हैं और एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
कोई भ्रष्टाचार नहीं किया नगर परिषद में किसी प्रकार कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। इंदिरा रसोई योजना की निविदा सोमवार को ही पोर्टल पर अपलोड की गई है जो कि 17 अगस्त को खुलेंगी। जब टेंडर ही नहीं हुआ तो भ्रष्टाचार कैसे हो गया। सभापति ने मुझे अपने कक्ष में बुलाकर कहा कि इंदिरा रसोई योजना की कोई निविदा नहीं लगाई जाए तथा कोटेशन के माध्यम से काम लगाए जाएं। नियमानुसार मना करने पर सभापति ने अपने कक्ष के अंदर कमरे में ले जाकर मेरे साथ मारपीट की। इससे पूर्व 2 जुलाई को भी सभापति ने मुझे धमकाया था।
– कुमार संभव अवस्थी, आयुक्त, नगर परिषद, अलवर। अवस्थी भ्रष्टाचार कर रहे थे राज्य सरकार की इंदिरा रसोई योजना की निविदाओं में आयुक्त कुमार संभव अवस्थी की ओर से भ्रष्टाचार किया जा रहा था। जिसका पता लगते ही मैंने फाइल को रोक लिया। फाइल के सम्बन्ध में विचार-विमर्श करने के लिए आयुक्त अवस्थी को बुलाया गया, लेकिन दो बार बुलाने पर वे नहीं आए। तीसरी बार फिर बुलाया गया तो वे आते ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगे और मेरे साथ धक्का-मुक्की करते हुए हंगामा करने लगे। इस सम्बन्ध में उनके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
– बीना गुप्ता, सभापति, नगर परिषद, अलवर।