अब लौट आए ये अधिकारी नगर परिषद आयुक्त के अलावा, राजस्व अधिकारी रमेश चन्द, लेखाधिकारी मालाराम, सहायक लेखाअधिकारी मांगी लाल मौय व निरीक्षक नारायण गुप्ता भी कार्यालय आ गए हैं। सभी अचानक मेडिकल अवकाश लेकर चले गए थे। जबकि नगर परिषद में सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर आयुक्त व पार्षदों के बीच विवाद हुआ। मेडिकल पर जाने का यही कारण समझा गया कि कहीं उनको कार्यवाहक आयुक्त का प्रभार नहीं मिल जाए। सफाई कर्मचारी भर्ती की प्रक्रिया पूरी कराने से अधिकतर दूर भाग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि भर्ती में भारी अनियमितताएं हैं। जिसका खुलासा होने पर जिम्मेदारों की मुश्किल बढऩा तय है।
खुद के चैम्बर में जांच कराई आयुक्त के चैम्बर में भर्ती के आवेदन पत्रों की जांच कराई। दिन भर अधिकारी व कर्मचारी इसी काम में लगे रहे। हालांकि अभी तक लॉटरी निकालने कीतारीख तय नहीं हुई है। जिसका करीब तीन हजार आवेदकों को इन्तजार है। बताया जा रहा है कि नए आवेदक 2016 में से करीब 1500 पात्र हैं। पुराने 1100 में से मुश्किल से 250 आवेदकों ने दस्तावेज जमा कराए हैं। जिनकी जांच चल रही है। पात्र आवेदकों की लॉटरी निकाली जाएगी। जिसमें से 456 सफल होंगे।
निदेशक से मिले सफाई कर्मचारी भर्ती, डेार टू डोर कचरा संग्रहण का ठेका और नगर परिषद बोर्ड की बैठक में आयुक्त के खिलाफ लिए गए निन्दा प्रस्ताव पर सभापति व कुछ पार्षद गुरुवार को विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा से मिले। सभापति ने उनको तीनों मामलों के बारे में बताया गया। निन्दा प्रस्ताव के मामले में विभाग के स्तर पर जल्दी निर्णय किया जाएगा।