उल्लेखनीय है कि 30 दिसम्बर को पार्षदों ने जिला कलक्टर को सभापति व उप सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उसके कुछ दिन बाद रामगढ़ में विधानसभा चुनाव होने के कारण आचार संहिता लग गई। उसके बाद प्रशासन ने बैठक कराने के लिए चुनाव आयोग से रविवार को मार्गदर्शन मांगा। वहीं चुनाव आयोग ने प्रशासन का प्रस्ताव मिलते ही अगले दिन सोमवार परिषद बोर्ड की बैठक आहूत करने की हरी झण्डी दे दी है। उसके बाद प्रशासन ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बोर्ड की बैठक की 17 जनवरी तय की है। जिसके लिए पार्षदों को लिखित सूचना रजिस्टर्ड डाक से दी जाएगी। आगामी दो दिन में सभी पार्षदों को बैठक की सूचना मिलने की उम्मीद है।
अब आगे क्या बोर्ड की बैठक में 38 पार्षदों की ओर से प्रस्ताव का समर्थन करना जरूरी है। तभी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इससे कम संख्या रहने पर अविश्वास प्रस्ताव प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज मान लिया जाएगा। यदि भाजपा के पार्षद बैठक में अनुपस्थित भी रहते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 38 पार्षदों का होना जरूरी है।
50 में से 39 पार्षद बाड़ेबंदी में भाजपा व कंाग्रेस की ओर से पार्षदों की अलग-अलग बाड़ेबंदी कर रखी है। कांग्रेस के पार्षद तो 29 जनवरी को ही बाड़ों में चले गए थे। इस समय कांग्रेस के बाड़े में 25 व भाजपा के बाड़े में 14 पार्षद बताए जा रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष के 5 पार्षद अलवर शहर में है। उधर, भाजपा के भी करीब 6 पार्षद अलवर शहर में हैं। अब देखने वाली बात यह है कि बोर्ड की बैठक में कितने पार्षद पहुंचते हैं।
कार्रवाई नहीं तो आयुक्त को घेरेंगे स्टेशन पर अतिक्रमण मनमर्जी से हो रहा है। जीप वाले, ढाबे, ठेले व खोखे वालों ने अपने अपने हिसाब से जगह रोक ली है। इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो प्रशासन के अधिकारियों को घेरा जाएगा।
नरेन्द्र मीणा, नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद अलवर