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अलवर

अलवर की स्वच्छता रैंकिंग में हुआ सुधार,’ इन लोगों का आभार’, इनके कारण ही सुधरे शहर के हालात

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में अलवर प्रदेश में तीसरे स्थान पर आया है। इसका श्रेय उन लोगों को जाता है, जिन्होंने शहर को साफ रखने का लक्ष्य ले रखा है।

अलवरMar 07, 2019 / 01:21 pm

Hiren Joshi

Alwar Ranking In Swacch Survey 2019

अलवर की स्वच्छता रैंकिंग में हुआ सुधार,’ इन लोगों का आभार’, इनके कारण ही सुधरे शहर के हालात

अलवर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में अलवर ने 190 शहरों को पीछे छोड़ा है। अब 376वीं रैंक के काले धब्बे को साफ कर अलवर 186वें नम्बर पर आया है। हालांकि अभी भी अलवर एक लाख से अधिक आबादी वाले 425 शहरों में से काफी पीछे हैं लेकिन, 2017 व 2018 की रैकिंग की तुलना में अच्छा सुधार हुआ है।
अलवर की स्वच्छता सुधरने के पीछे कई लोगों को श्रेय दिया जा सकता है। अलवर नगर परिषद के नए सफाईकर्मी, हैल्पिंग हैंड्स सहित इन लोगों की अलवर को स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका रही।
सफाईकर्मी भर्ती : पिछले साल नगर परिषद ने 450 सफाईकर्मियों की भर्ती निकाली। उनकी नियुक्ति के कुछ महीने तक सफाई का बड़ा काम हुआ।

घर-घर कचरा संग्रहण: इसके साथ ही प्रत्येक वार्ड से घर-घर कचरा संग्रहण की शुरूआत हुई। एक-एक घर से कचरा सीधे ऑटो टिप्पर से लाया जाने लगा। जिसके कारण सडक़ों पर कचरा कम हुआ।
चार जोन में सफाई का ठेका: पहले पूरे शहर में एक सफाई का ठेका था। जिसे बाद में चार जोन में बांटा गया। जिसके कारण ठेकेदारों की जिम्मेदारी बढ़ी। सडक़ पर कचरा मिलने पर सख्ती भी हुई।
हैल्पिंग हैंड्स अभियान : सफाई के प्रति हैल्पिंग हैंड्स टीम ने कई साल से लगातार जागरूकता अभियान चलाया है। जो अभी जारी है। खुद ने एक-एक करके पार्कों की सफाई की है। सबसे बड़ी बात यह रही है कि आमजन को सफाई रखने के लिए घर-घर जाकर जागरूक करने का काम किया है।
पत्रिका की ओर से श्रमदान : पत्रिका की ओर से समय-समय पर श्रमदान के अभियान चले। जिसमें आमजन ने बड़ी हिस्सेदारी लेकर बड़ी जगहों से कचरा साफ करने का काम किया। जिससे आमजन में सफाई के प्रति जागकरूता बढ़ी है।
आगे के लिए यही अहम सुझाव : अपने शहर को नम्बर वन लाने के लिए एक-एक शहरवासी की अहमियत है। घर का कचरा संग्रहण वाहन या कचरा पात्र में ही डालें। नाली में कचरा कतई नहीं फेंकें। पॉलीथिन व थर्मोकॉल वाले डिस्पोजल का उपयोग नहीं करें। आसपास में कहीं कचरा फेंका जाता हो तो उसे भी जागरूक करने की जरूरत है।
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