धार्मिक पर्यटन के साथ जल संरक्षण अनूठी मिसाल गोमरखधाम, धाम में बांधों की त्रिवेणी से लाखों लीटर पानी किया जा रहा है संरक्षित
ये हुए निर्णय:
– भर्तृहरि महाराज धाम में स्थित पुराने भवनों की जांच होगी। असुरक्षित भवन पाए जाने पर उनमें आमजन का प्रवेश निषेध होगा।
– मेलों में ध्वनि विस्तारक केन्द्रों का प्रयोग धीमी ध्वनि से करने दिया जाएगा तथा डीजे पर पूर्णत: रोक रहेगी।
– पाण्डुपोल मेले में रोडवेज बसों की पार्किंग उमरी तिराये, टहला गेट एवं काली घाटी गेट के आसपास कराई की जाएगी।
– टू व्हीलर की पार्किंग सरिस्का गेट के पास रहेगी तथा उमरी तिराये से मंदिर तक पैदल ही दर्शानार्थियों के जाने की व्यवस्था रहेगी।
– भर्तृहरि महाराज मेले में अलवर से जयपुर जाने वाले सभी वाहन कुशालगढ से तालवृक्ष नारायणपुर होते हुए जयपुर जाएंगे तथा जयपुर से आने वाले वाहन घाटा बांदरौल से नारायणपुर, तालवक्षृत व कुशालगढ होते हुए अलवर आएंगे।
– मेले के पश्चात स्थलों की सफाई करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को एवं मेला कमेटी को निर्देशित किया।
– मेले की व्यवस्था में लगने वाले पुलिसकर्मियों एवं स्वयंसेवकों के लिए रेनकोट आदि उपलब्ध कराए।
– दोनों मेलों में कंट्रोल रूम स्थापित होंगे जिसमें तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहकर मेले की व्यवस्थाओं को सुचारू करने में सहयोग करेंगे।
– मेला स्थल पर अग्निशमन वाहन, क्रेन, जेसीबी एवं पर्याप्त गोताखोरों की व्यवस्था रखी जाएगी।
– मेले में मंदिर, पार्किंग स्थल एवं अन्य जगहों पर सीसी टीवी कैमरे लगाए जाएंगे।।
– पानी भराव व बहाव क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड आसानी से दिखाई देने वाले स्थानों पर लगवाए जाएंगे।