पीडिता की मां ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री अपने घर पर खाना बना रही थी और वो मकान के पास खेत मे घास काटने के लिए गई थी। करीब सवा दस बजे दो महिलाएं उसके घर भीख मांगने के लिए आई , इस पर उसकी बेटी कटोरे में अनाज भर कर मकान के बाहर उन्हें देने के लिए गई । जहां महिलाओं ने बालिका को अकेला देखकर पकड़ लिया तथा उसके मुंह मे दवा डाल दी। जिससे बालिका बेहोश हो गई तथा उसके हाथ पैर उसी के स्टॉल से बांध दिए। बालिका को कुछ देर बाद होश आया तो उसने अपनी माँ को आवाज लगाई।
उसकी माँ ने घर पर आकर देखा कि वो बेहोशी की अवस्था में पडी हुई है तथा उसके हाथ पैर बंधे हुए थे, अनाज फैला हुआ तथा कटोरा गिरा हुआ था। सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई । घटना के बाद दोनों महिलाएं भागने में सफल हो गई । बालिका बीए प्रथम वर्ष में में अध्ययनरत है। बालिका को उपचार के लिए राजगढ कस्बे के एक निजी चिकित्सालय मे भर्ती कराया गया है, जहां चिकित्सकों का कहना है कि बालिका की तबीयत ठीक है।