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अलवर में मानसून के यह आंकड़े आपको कर देंगे चिंतित, पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, लेकिन अलवर में…

Monsoon Rain In Alwar : अलवर में कम आई मानसूनी बारिश, पानी फिर पाताल में

अलवरAug 26, 2019 / 03:48 pm

Dharmendra Yadav

Below Average Monsoon Rain In Alwar District

मायावती ने कहा यूपी में चल रहा जंगलराज, पूर्व की और वर्तमान सरकार एक ही थाली के चट्टे-बट्टे,अलवर में मानसून के यह आंकड़े आपको कर देंगे चिंतित, पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, लेकिन अलवर में…,मायावती ने कहा यूपी में चल रहा जंगलराज, पूर्व की और वर्तमान सरकार एक ही थाली के चट्टे-बट्टे,अलवर में मानसून के यह आंकड़े आपको कर देंगे चिंतित, पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, लेकिन अलवर में…,अलवर में मानसून के यह आंकड़े आपको कर देंगे चिंतित, पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, लेकिन अलवर में…

अलवर. Monsoon Rain In Alwar : अलवर जिले के राजगढ़, बहरोड़, नीमराणा, मालाखेड़ा सहित क्षेत्र के कई इलाकों में अगले साल 1500 फीट नीचे से पानी उलीचना पड़ेगा। भू-जल विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में तेजी से नीचे जा रहा भू-जल गर्मी के सीजन से करीब 2 से 5 मीटर और नीचे उतर जाएगा।
पूरे प्रदेश में औसत से अधिक लेकिन, अलवर जिले में औसत से बहुत कम बारिश हुई है। जिले में औसत 555 मिमी की जगह 370 मिमी बारिश ही दर्ज हुई है। जबकि प्रदेश में 535 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। इससे औसत से कम बारिश वाले जिलों में पानी का संकट और गहरा सकता है।
कहां-कितना भूजल स्तर (विभाग के आंकड़े मीटर में)

बहरोड़ 83, बानसूर 67, कठूमर 42, किशनगढ़बास 47, कोटकासिम 44, मुण्डावर 55, नीमराणा 63, राजगढ़ 46, रामगढ़, 42, रैणी 50, थानागाजी 55, तिजारा 45, उमरैण 79 मीटर पर भूजल है। जबकि जलदाय विभाग के अधिकारियों ने अनुसार राजगढ़ में कई जगहों पर 1500 फीट से नीचे भूजल पहुंच चुका है।
सिलीसेढ़ में नहीं चली चादर : जिले में इतनी बारिश भी नहीं हुई कि सिलीसेढ़ बांध भर जाता। एक बार भी चादर नहीं चली। अभी बांध में केवल 20 फीट पानी है। जिले के 24 में से 17 बांध सूखे हैं।
तीन मीटर नीचे गया तो 100 बोरवैल प्रभावित

भू-जल विभाग के पुराने आंकड़ों के आधार पर जिले में हर साल दो से तीन मीटर भूजल नीचे चला जाता है। जमीन में कहीं अधिक तो कहीं कम पानी टूटता है।
आगामी गर्मियों से पहले जिले में तीन से पांच मीटर तक भूजल नीचे पहुंच सकता है। ऐसा हुआ तो जिले भर में 100 से 150 बोरवैल में पानी टूट सकता है।
विकल्प यही, बचाएं पानी

अब जिले की 40 लाख आबादी के पास यही विकल्प है कि पानी बचाएं। खेतों में लगे बोरवैल पर अनावश्यक पानी नहीं बहाएं। घरों में पानी का पूरा उपयोग करें। कहीं पानी बर्बाद हो तो जिम्मेदारी से उसे बंद कराएं। बारिश के पानी को बचाने के लिए अभी से प्रयास करें। ताकि बारिश की एक-एक बूंद बचा सकें। वैसे भी जिले में जरूरत का आधा पानी भी नहीं मिलता है।

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