अलवर के विधायकों से शीर्ष भाजपा नेता नाराज, प्रदेश में एक मात्र अलवर जिला, जहां भाजपा ने 9 में से 7 विधायकों के टिकट काटे
पूरे प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव में एक मात्र अलवर जिला है, जहां भाजपा ने अपने मौजूदा 9 विधायकों में से 7 के टिकट काट दिए। वहीं पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में जिन दो जगह हारी, वहां भी पार्टी ने पुराने चेहरों को हटा नए कार्यकर्ताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में इस बार किशनगढ़बास को छोड़ भाजपा में सभी जगह नए चेहरे दिखाई दे रहे हैं।
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने इस बार टिकट वितरण में पहली बार सख्ती दिखाते हुए अपने दिग्गजों को भी नहीं बख्शा। गत विधानसभा चुनाव में अलवर जिले की 11 में से 9 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने बड़े अंतर से जीत दर्ज कराई। वहीं विपक्षी दलों को केवल दो ही सीटों पर संतोष करना पड़ा। इतनी बड़ी जीत के बाद भी पार्टी इस साल के शुरू में हुए लोकसभा उपचुनाव में इस उपलब्धि को दोहरा नहीं पाई और अलवर लोकसभा क्षेत्र में शामिल आठ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को करारी शिकस्त मिली। यही कारण है कि पार्टी ने लोकसभा उपचुनाव के बाद ही अलवर जिले में बड़े बदलाव की भूमिका तैयार करना शुरू कर दिया। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति में सुधार के लिए पुराने के बजाय नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय किया।
केवल रामहेत यादव ही बचा पाए टिकट अलवर जिले में किशनगढ़बास विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामहेत सिंह यादव ही इस बार विधानसभा चुनाव में अपना टिकट बचा पाने में सफल रहे। गत लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को सबसे कम वोटों की हार मुण्डावर व दूसरे नम्बर पर किशनगढ़बास में मिली थी।
दिग्गज भी नहीं बचा पाए टिकट लोकसभा उपचुनाव के बाद चली बदलाव की बयार में भाजपा के दिग्गज भी अपना टिकट सुरक्षित नहीं रख पाए। पार्टी रणनीतिकारों के फैसले से सबसे बड़ा झटका वसुंधरा राजे सरकार में लगातार पांच साल मंत्री रहे हेमसिंह भडाणा के टिकट कटने से लगा। प्रदेश में भाजपा के बड़े नेताओं के विश्वस्त रहे भडाणा का टिकट कटने की गूंज अलवर जिला ही नहीं पूरे प्रदेश में सुनाई पड़ी। वहीं जिले के दूसरे बड़े मंत्री डॉ. जसवंत यादव के लिए सुकून की बात यह रही कि लंबी जद्दोजहद के बाद नामांकन के आखिरी दिन वे अपने पुत्र मोहित यादव को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे।
वहीं प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज कराने वाले अलवर शहर के विधायक बनवारीलाल सिंघल का टिकट भी काट दिया। इसके अलावा विवादित बयानों के चलते प्रदेश ही नहीं पूरे देश में चर्चित रहे रामगढ़ से विधायक ज्ञानदेव आहूजा का भी पार्टी ने टिकट काट दिया। इसके अलावा अलवर ग्रामीण विधायक जयराम जाटव, कठूमर विधायक मंगलराम कोली, तिजारा में विधायक मामनसिंह यादव का टिकट काट दिया। उधर, गत अलवर लोकसभा चुनाव में पार्टी की सबसे कम वोटों से हार हुई।
इस कारण पार्टी ने यहां बदलाव के बजाय मुण्डावर में दिवंगत विधायक धर्मपाल चौधरी के पुत्र को टिकट दिया है। इसके अलावा भाजपा ने गत विधानसभा चुनाव में हारी सीट बानसूर पर डॉ. रोहिताश्व शर्मा को बदलकर नए चेहरे महेन्द्र यादव व राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ में सुनीता मीणा को बदलकर विजय मीणा को टिकट दिया है।
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